उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने हाथरस केस के बाद राज्य में जातीय दंगे कराने की साजिशों की जांच बुधवार को स्पेशल टास्क फोर्स यानि एसटीएफ को सौंप दी है. साथ ही प्रदेश के कई जिलों में सोशल मीडिया के जरिए से किए गए दुष्प्रचार और वेबसाइट के माध्यम से फंड जुटाने का दायरा बड़ा होने की वजह से इसकी जांच एसटीएफ (STF) को सौंपी गई है. इसी मामले में हाथरस और मथुरा के साथ कई जिलों में केस पहले से दर्ज हैं.
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डीजीपी ने कहा कि एसटीएफ ने अलग-अलग जिलों के लिए टीमें गठित कर दी हैं. एसटीएफ यह जांच इसलिए सौंपी गई है, क्योंकि एसटीएफ को ऐसे मामलों की जांच में स्पेशलिस्ट है. बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा था कि हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर पूरे प्रदेश में अमन-चैन बिगाड़ने और जातीय विद्वेष फैलाकर दंगे कराने की साजिश रची गई है. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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दरअसल, हाथरस केस की जांच सीबीआई कर रही है. इस केस में सीबीआई ने अपनी जांच तेज रफ्तार से कर रही है. वहीं, सोमवार को सीबीआई अलीगढ़ पहुंची जहां टीम ने जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की. साथ ही एएमयू के जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज पहुंची. वहां सीबीआई ने जांच पड़ताल की. इस बीच हाथरस पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट पर बयान देने वाले डॉक्टर को एएमयू प्रशासन ने हटा दिया है.
Source : News Nation Bureau