वाराणसी में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रोड शो के बाद पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के भी घर पहुंचे। शास्त्री के घर पहुंचकर पीएम ने ना सिर्फ उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया बल्कि उनके घर बैठकर कुछ देर भजन भी सुना। 1964 से 1966 तक देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे शास्त्री का जन्म वाराणसी में ही 2 अक्टूबर 1904 में हुआ था।
नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने। अपनी साफ सुथरी छवि और राजनीति और राजनयिक मुद्दों पर अच्छी पकड़ होने की वजह से भारत के मानस पटल पर उन्होंने अपने छोटे कार्यकाल में भी एक अमिट छाप छोड़ी।
उन्होंने 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध भी जीता। जबकि इससे पहले नेहरू के कार्यकाल में चीन ने हमला किया था जिसमें भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
देश के जवानों और किसानों को लेकर शास्त्री के मन में गहरी आस्था थी शायद यही कारण है कि उन्होंने एक बेहद संवेदशील और गौरवपूर्ण नारे को बुलंद किया जो अाज भी बच्चे बच्चे की जुबान पर है। वो नारा था - जय जवान जय किसान।
अब राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि जब पीएम मोदी बीजेपी के चुनाव प्रचार में दिन रात एक किए हुए हैं। आखिर चुनाव प्रचार के आखिरी दिन वो पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता रहे लाल बहादुर शास्त्री के घर क्यों पहुंचे?
क्या इन कारणों से लाल बहादुर शास्त्री के घर पहुंचे पीएम मोदी
1.पीएम मोदी देश के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो वाराणसी से हैं। इससे पहले पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री का जन्म भी वाराणसी में ही हुआ था। हालांकि पीएम मोदी ने वाराणसी से सिर्फ लोकसभा का चुनाव लड़ा था।
2. नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के घर पहुंचे थे। मोदी हर वैसे नेता को खास तवज्जो देते हैं जिसको कांग्रेस ने नजरअंदाज किया चाहे वो सरदार वल्लभ भाई पटेल हों या अब लाल बहादुर शास्त्री रहे हों।
3.ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री शास्त्री के घर इसलिए पहुंचे क्योंकि वो कांग्रेस पार्टी के नेताओं और वाराणसी के लोगों को कुछ संदेश देना चाहते थे। तो क्या पीएम ये संदेश देना चाहते थे कि कांग्रेस के नेता उनका सम्मान नहीं करते लेकिन वो विपक्षी पार्टी के नेताओं का भी आदर करते हैं।
4.यूपी में 8 मार्च को आखिरी चरण का चुनाव होना है जिसमें वाराणसी के भी 8 विधानसभा सीट भी शामिल हैं। चूकि लाल बहादुर शास्त्री भी कायस्थ जाति के थे और वाराणसी में कायस्थों की अच्छी खासी संख्या है। तो क्या पीएम मोदी इस जाति के लोगों को राजनीतिक संदेश देना चाहते है कि बीजेपी ही उनके हक की बात करेगी।
ये भी पढ़ें: बाबरी मस्जिद मामले में आडवाणी, जोशी और उमा भारती के ट्रायल में हो रही देरी पर SC ने जताई चिंता
5. 5 महीने पहले ही भारतीय सेना ने सरहद पार करके आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था। इस मुद्दे को बीजेपी और पीएम मोदी ने इन चुनावों में खूब भुनाया। शास्त्री ने भी पाकिस्तान के खिलाफ साल 1965 में युद्ध जीता था। तो क्या मोदी शास्त्री के जरिए सर्जिकल स्ट्राइक को 1965 मिली जीत के जैसे ही पेश कर कांग्रेस को चिढ़ाने की कोशिश कर रहे थे।
6.पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के दो बेटे हैं अनिल शास्त्री और सुनील शास्त्री। अनिल जहां कांग्रेस नेता हैं वहीं उनका दूसरा बेटा सुनील बीजेपी नेता हैं। शायद ये भी एक कारण है कि पीएम मोदी सुनील शास्त्री की वजह से उनके घर पहुंचे।
7.लाल बहादुर शास्त्री किसानों के बड़े नेता मान जाते थे और उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। किसान भी उन्हें राजनीति में उस वक्त अपना सबसे बड़ा हमदर्द मानते थे।
ये भी एक वजह हो सकती है पीएम मोदी के शास्त्री के घर जाने की। क्योंकि मोदी राज में किसानों को सुविधा ना मिलने और कर्ज माफी नहीं होने के कारण आत्महत्या की खबरे आती रही हैं। ऐसे में किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए प्रतीक के तौर पर पीएम शास्त्री के घर पहुंचे हों। वाराणसी में किसानों की अच्छी खासी जनसंख्या है।
मोदी के लिए वाराणसी चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। अगर बीजेपी यहां एक भी सीट हारती है तो लोग इसे भारतीय जनमानस में मोदी की पकड़ ढीली पड़ने के तौर पर देखेंगे। पूर्वांचल के 7 जिलों की 40 सीटों पर 8 मार्च को वोटिंग होनी है। चुनाव परिणाम 11 मार्च को आएंगे।
Source : Kunal Kaushal