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विधानसभा चुनाव के बाद EVM पर क्यों उठे सवाल, जानिए, वोटिंग मशीन कैसे काम करती है

विधानसभा चुनावों में हार की ठीकरा इस बार नेताओं ने ईवीएम यानि इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीन पर फोड़ दिया।

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Aditi Singh
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विधानसभा चुनाव के बाद EVM पर क्यों उठे सवाल, जानिए, वोटिंग मशीन कैसे काम करती है
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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के शनिवार को आए नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ और चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। वहीं, अखिलेश यादव ने भी कहा है कि अगर आरोप लगे हैं तो जांच करा लेनी चाहिए। इसी तरह उत्तराखंड में हरीश रावत ने भी बीजेपी की जीत को 'मोदी और ईवीएम क्रांति' का नाम दे दिया।

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हरीश रावत को उत्तराखंड में किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण की दोनों ही सीटों से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा न कहा है कि इन आरोपों में तथ्यों की कमी है। आईए, जानते हैं ईवीएम कैसे काम करती है और क्या वाकई इससे छेड़छाड़ की जा सकती है।

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कैसी काम करती है ईवीएम

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन दो अंगो का समीकरण होती है। पहले अंग को बैलैटिंग मशीन कहा जाता है जिसमें वोटर बटन दबाता है। दूसरा अंग कंट्रोल यूनिट होता है। ये बूथ पर तैनात मतदान अधिकारी को पर्यवेक्षण की शक्ति देता है। ये दोनों अंग पांच मीटर लंबे केबिल के जरिये जुड़े होते है। ये मशीन 6 वोल्ट की बैटरी से भी चलाई जा सकती है।

वोटर बैलोटिंग यूनिट में अपना वोट करते हैं, जिसे वोटिंग कंपार्टमेंट के अंदर रखा जाता है। इससे पहले मतदान अधिकारी हर मतदाता को मतपत्र देता है। जिसे कंट्रोल यूनिट की कार्यक्षमता के द्वारा बदल दिया जाता है। इसके बाद मतदान अधिकारी बैलोट बटन को दबाता है और फिर मतदाता को वोट करना होता है।

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मतदाता को अपनी पसंद के कैंडिडेट के आगे दिया बटन दबाना होता है और एक वोट लेते ही मशीन लॉक हो जाती है। इसके बाद सिर्फ नए बैलट नंबर से ही खुलती है। एक मिनट में ईवीएम में सिर्फ 5 वोट दिए जा सकते हैं। ईवीएम मशीनें बैलट बॉक्स से ज्यादा आसान थीं, उनकी स्टोरेज, गणना आदि सब कुछ ज्यादा बेहतर था इसलिए इनका इस्तेमाल शुरू हुआ। लगभग 15 सालों से ये भारतीय इलेक्शन का हिस्सा बनी हुई है।

क्या है खतरा

ईवीएम मशीने आसानी हैक की जा सकती हैं। ईवीएम मशीनों के जरिए वोटर की पूरी जानकारी भी निकाली जा सकती है। ईवीएम मशीन इंटरनली किसी इंसान द्वारा भी बदली जा सकती है। इसके आंकड़े इतने सटीक नहीं कहे जा सकते। जिसके चलते चुनाव के नतीजों में फेरबदल किया जा सकता है।

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इन देशों में बैन
कईदेशों में इसका प्रयोग बैन भी है। असुरक्षित और आपारदर्शित होने के कारण नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, इटली औऱ अमेरिका के कैलिफोर्निया व अन्य राज्यों में इसके इस्तेमाल को रोका जा चुका है। कई तरह की अन्य गड़बड़ियों के कारण सीआईए के सिक्योरिटी एक्सपर्ट मिस्टर स्टीगल के अनुसार वेनेज्यूएला, मैसिडोनिया और यूक्रेन में भी इसके प्रयोग को रोक दिया गया। 

HIGHLIGHTS

  • विधानसभा चुनावों के नतीजों के मायावती ने ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ का अंदेश जताया था 
  • चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीन मे छ़ेड़छाड़ की संभावनाओं से किया इंकार 
  • हालांकि संभव है ईवीएम मशीन में बदलाव करना, प्रयोग में आपारदर्शिता

Source : News Nation Bureau

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