अगर उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की कर्ज माफी का ऐलान करती है तो इससे बैंकों को 27,420 करोड़ रुपये की चपत लगेगी। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक अगर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार किसानों की कर्ज माफी के अपने वादे को पूरा करती है तो इससे राज्य की वित्तीय सेहत पर भी असर पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने घोषणापत्र में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को प्रदेश की 401 विधानसभा सीटों में से 325 सीटें मिली हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कई सभाओं में इस बात को दुहराया था कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही वह पहली बैठक में मुख्यमंत्री को कहकर किसानों का कर्ज माफी करा देंगे।
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एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक देश के सरकारी बैंकों ने उत्तर प्रदेश में किसानों को 86,241.20 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है। 2016 के मुताबिक यूपी में बैंकों ने किसान को औसतन 1.34 लाख रुपये का कर्ज दे रखा है, जिसमें से अधिकांश छोटे औऱ मझोले किसान हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक किसान कर्ज का 31 फीसदी हिस्सा सीधे कृषि कर्ज को जाता है, जिसमें छोटे और मझोले किसानों की भूमिका बड़ी होती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'अगर यूपी की बात की जाए तो किसानों की कर्ज माफी के मद में 27,419.70 करोड़ रुपये की रकम माफ की जाएगी।'
2011 की जनगणना के मुताबिक यूपी की 40 फीसदी आबादी खेती में शामिल है।
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HIGHLIGHTS
- अगर उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की कर्ज माफी का ऐलान करती है तो इससे बैंकों को 27,420 करोड़ रुपये की चपत लगेगी
- SBI रिपोर्ट के मुताबिक अगर यूपी की बीजेपी सरकार किसानों की कर्ज माफी के वादे को पूरा करती है तो इससे राज्य की वित्तीय सेहत पर भी असर पड़ेगा
Source : News State Buraeu