उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक युवती के साथ हुई हैवानियत पर पूरा देश गुस्से में हैं. वहीं प्रदेश में लचर होती कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार भी सवालों के घेरे में आ गई हैं. विपक्षी पार्टियां लगातार यूपी सरकार और प्रशासन पर सवाल उठा रही हैं. हाथरस मामले में महिला आयोग भी सक्रिय हो गई है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले में मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखते हुए इंसाफ की मांग की है.
ये भी पढ़ें: हाथरस की घटना के बीच UP में एक और बलात्कार, 7 साल की बच्ची अस्पताल में भर्ती
उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा, 'हाथरस की घटना ने इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मैं स्तब्ध हूं, इस घटना से मेरी रूह कांप गयी है. मैंने सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश एवं सभी अन्य न्यायधीशों को चिट्ठी लिख मामले में इंसाफ दिलवाने की गुहार की है.'
हाथरस की घटना ने इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मैं स्तब्ध हूँ, इस घटना से मेरी रूह कांप गयी है. मैंने सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश एवं सभी अन्य न्यायधीशों को चिट्ठी लिख मामले में इंसाफ दिलवाने की गुहार की है. pic.twitter.com/kTB6w5KI94
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) September 30, 2020
वहीं हाथरस गैंगरेप मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और कहा कि वह आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी खुद ट्विटर के माध्यम से दी है. उन्होंने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्घ कठोरतम कार्रवाई की जाए.
इससे कुछ देर पहले भी एक ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हाथरस गैंगरेप के आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने ट्वीट किया, हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे. प्रकरण की जांच हेतु विशेष जांच दल का गठन किया गया है. यह दल सात दिन में अपनी रिपोर्ट देगा. त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फोस्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा.
और पढ़ें: हाथरस गैंगरेप केस: पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार, सियासत हुई तेज
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को चंदपा क्षेत्र में चार लोगों ने एक अनुसूचित जाति की युवती का गैंगरेप किया और फिर गला दबाकर उसे मारने की कोशिश भी की, जिससे पीड़िता की जीभ कट गई. पीड़िता का इलाज बीते रविवार तक अलीगढ़ में चला लेकिन सोमवार (28 सितंबर) को उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जहां पीड़िता ने मंगलवार को अंतिम सांस ली.
इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया और शाम को शव हाथरस के लिए रवाना कर दिया गया. यहां लाकर पुलिस ने बुधवार तड़के करीब 2:45 बजे पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया. जिसके बाद मामला बढ़ता जा रहा है और विपक्षी दल पुलिस के कृत्य पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau