उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की याचिका पर फैसला देते हुए राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को 25 हज़ार रुपये देने को कहा है।
अखिलेश सरकार ने लोकायुक्त कार्यालय को आरटीआई से बाहर कर दिया था। अखिलेश सरकार ने लोकायुक्ता कार्यालय को सुरक्षा, अभिसूचना से जुड़ी संस्था बताते हुए आरटीआई से बाहर कर दिया था।
इस पर आज कोर्ट ने कहा कि लोकायुक्त सुरक्षा,अभिसूचना से जुड़ी संस्था नहीं है। अदालत ने साफ कहा कि लोकायुक्त को आरटीआई से बाहर करना गलत था। इसके बाद अदालत ने सरकार को कहा है कि नूतन ठाकुर को 25 हज़ार रुपये दे।
अगस्त 2012 में अखिलेश यादव सरकार ने इस आदेश को लागू किया था जिसके बाद आरटीआई एक्टिविस्ट अमिताभ ठाकुर ने इस मुद्दे को कोर्ट के सामने उठाया था।
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Source : News Nation Bureau