लखनऊ के एक हिन्दू-मुस्लिम दंपत्ति ने पासपोर्ट ऑफ़िस के एक अधिकारी पर परेशान करने का आरोप लगाया है।
तन्वी नाम की पीड़िता का आरोप है कि वह जब लखनऊ पासपोर्ट ऑफ़िस पहुंची तो उनके हिंदू सरनेम होने की वजह से एक अधिकारी ने उन्हें काफी परेशान किया।
वहीं पीड़िता के पति अनस सिद्दीकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमारे पास पासपोर्ट के आवेदन के लिए ज़रूरी सभी काग़ज़ात मौजूद है। हमने इस बारे में सुषमा मैम को शिकायत की थी। जिसके बाद मुझे क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफ़िस के अधिकारी से मिलने को कहा गया था।'
पीड़िता के पति ने कहा, "मुझसे मेरा धर्म बदलने और 'फेरा' लेने को कहा गया।"
पीड़िता ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, 'मुझे आशा है कि भविष्य में फिर किसी के साथ ऐसा नहीं होगा। मेरे 11 साल के शादी-शुदा ज़िदगी में मुझे ऐसे हालात कभी नहीं झेलने पड़े थे। हालांकि बाद में अधिकारी ने माफ़ी मांगा और मुझे मेरा पासपोर्ट भी वापस मिल गया।'
बाद में पीड़िता ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीटर पर इस बात की शिकायत करते हुए मदद की गुहार लगाई।
पीड़िता ने लिखा, 'यह काफी अपमानजनक अनुभव था। अधिकारी काफी चिल्लाकर और हाथ दिखाकर पीटने वाली मुद्रा में बात कर रहे थे।'
शिकायत के 12 घंटे बाद ही आरोपी अधिकारी का तबादला कर दिया गया है।
इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने कहा, 'उनका पासपोर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही आरोपी अधिकारी के ख़िलाफ़ एक्शन लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया है। जो कुछ भी हुआ उसके लिए हमें खेद है। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस तरह की ग़लती भविष्य में दोबारा नहीं होगी।'
वहीं आरोपी अधिकारी विकास मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमने तन्वी सेठ से उनके निक़ाहनामे में ज़िक्र किया गया नाम 'शादिया अनस' के प्रमाण मांगे थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई व्यक्ति पासपोर्ट पाने के लिए अपना नाम बदल कर तो नहीं बता रहा।'
गौरतलब है कि कपल ने 19 जून को पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और जिसके बाद उन्हें 20 जून को पासपोर्ट ऑफ़िस में मिलने के लिए बुलाया गया था।
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Source : News Nation Bureau