उत्तर प्रदेश के कासगंज में शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर विश्व हिंदू परिषद और एबीवीपी की रैली पर हुई पत्थरबाजी और झड़प के बाद तनाव की स्थिति में अब सुधार आ रहा है। यहां के रहवासियों का कहना है कि प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न होने पाए।
हिंसा में मृत चंदन के मुख्य आरोपी की भी पुलिस ने पहचान कर ली है, पुलिस ने रविवार को मुख्य आरोपी शकील के घर पर छापामार कार्रवाई भी की थी। हालांकि आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
पुलिस को आरोपी के घर से देसी बम और पिस्टल जैसे खतरनाक हथियार मिले हैं। पुलिस ने अब तक 32 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
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आईजी संजीव कुमार ने कहा, 'अब तक हत्या के आरोप में 32 लोगों को जेल भेजा गया है। इसके अलावा 51 लोगों को हिरासत में लिया गया है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। आज कोई घटना नहीं हुई, स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस बलों को तैनात किया गया है।'
दूसरी तरफ उप्रदवियों ने रविवार को एक दुकान में आग लगा दी थी। कासगंज हिंसा मामले में पुलिस ने अबतक 49 लोगों को गिरफ्तार किया है। अभी भी वहां धारा 144 लागू है और दूसरे जिलों से सटे सीमा को सील कर दिया गया है।
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, 'फ़िलहाल कासगंज में स्थिति काबू में है। पिछले कुछ घंटों में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है। पट्रोलिंग की जा रही है और काफी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया है।'
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तनावपूर्ण इलाकों में आज शाम 10 बजे तक इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है, ताकि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की कोई अफवाह न फैल सके।
प्रधान सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने कहा, 'दो मामले कल (शुक्रवार) दर्ज किए गए थे। दो मामलों में नौ गिरफ्तारियां हुई है , 40 अतिरिक्त निवारक गिरफ्तार किए गए हैं।'
उन्होंने कहा, 'पीएसी और 1 आरएएफ की पांच कंपनियां शुक्रवार को अतिरिक्त सिविल पुलिस अधिकारियों / पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंच गईं थी। आरएएफ की एक और कंपनी आज वहां पहुंच गई है।
पुलिस ने कासगंज में सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।
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Source : News Nation Bureau