योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट से पास किए गए विवाह पंजीकरण अधिनियम को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं को एतराज नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि इससे शरीयत के कानून में किसी भी तरह का दखल नहीं होना चाहिए।
शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा, 'हम दिल से विवाह पंजीकरण को स्वीकार करते हैं। इससे लोगों को आसानी होगी। पहले तमाम जगहों पर निकाहनामे को लेकर दिक्कतें होती थीं लेकिन इसे कानूनी दस्तावेज माने जाने से लोगों को राहत होगी। हालांकि व्यवस्था में लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।'
वहीं विवाह पंजीकरण को लेकर चिंता जताते हुए शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास कहते हैं, 'यह ऑनलाइन पंजीकरण कई जगहों पर धन उगाही का जरिया बनेगा।'
उन्होंने कहा, 'गांवों में लोग ऑनलाइन पंजीकरण के बारे में पूरी तरह नहीं जानते हैं। सरकार के इस नियम के बाद कई जगह ऑनलाइन पंजीकरण की दुकानें खुलेंगी और लोगों से विवाह पंजीकरण के नाम पर ज्यादा पैसे वसूले जाएंगे।'
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बता दें कि मंगलवार को पास हुए कैबिनेट के फैसले में सर्टिफिकेट पर फोटो और आधार से लिंक होने की वजह से एक ही विवाह का पंजीकरण कराया जा सकेगा जबकि शरीयत में बहु-विवाह मान्य है।
सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मुसलमान विवाह के पंजीकरण के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि मुस्लिमों की मान्यताओं का ख्याल रखना होगा।
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Source : News Nation Bureau