उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके छात्र विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के परिसरों में तलाशी ली. हाथरस की घटना में कथित साजिश और उसके बाद हुई घटनाओं की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की गई. एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, नोएडा शाखा के अधिकारियों ने दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग स्थित पीएफआई के कार्यालय में तलाशी ली. पीएफआई का कहना है टीम अंसाद को लेकर इसलिए आई थी ताकि उसका ऑफिस में आमना-सामना करवा कर उसके पीएफआई से जुड़े होने की तस्दीक की जा सके.
पीएफआई के ऑफिस पर एसटीएफ इससे पहले कुछ सप्ताह पहले रेड कर चुकी है. इन्वेस्टिगेशन और पूछताछ के चलते एसटीएफ का पीएफआई के हेड क्वार्टर में फिर पहुंचना पीएफआई पर लग रहे आरोपों को घेरे को और बड़ा करता है.
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लखनऊ एसटीएफ की गिरफ्त में आए अंसाद और फिरोज को नोएडा एसटीएफ ने रिमांड पर लिया हुआ है. हाथरस दंगों को लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है, उनके पीएफआई कनेक्शन की तस्दीक करने के लिए आज टीम उसे लेकर पीएफआई के शाहीन बाग स्थित हेड क्वार्टर पहुंची.
इस दौरान टीम ने दस्तावेजों की जांच भी की. पीएफआई का कहना है कि उन्होंने एसटीएफ को बताया है कि अनसाद संगठन के प्रमुख सदस्यों में एक हैं और उनका काम संगठन को विस्तार देना रहा है, इस सिलसिले में वह दिल्ली के अलावा तमाम राज्यों में आते जाते रहे हैं, जहां तक उनके खिलाफ हाथरस दंगों और यूएपीए के आरोप होने की बात है उस पर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन जारी है.
बता दें कि पिछले एक महीने में यूपी एसटीएफ द्वारा पीएफआई के कार्यालय में यह दूसरी तलाशी है. इससे पहले, एसटीएफ ने इस साल फरवरी में पीएफआई के कार्यालय की तलाशी ली थी.
यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में मथुरा से पीएफआई और सीएफआई से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जब वे 19 वर्षीय दलित पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे. पीड़िता की राष्ट्रीय राजधानी के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
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यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में पुष्टि की थी कि हाथरस मामले की जांच का एक हिस्सा यूपी एसटीएफ को सौंपा जा रहा है. एसटीएफ इस संबंध में सभी 19 एफआईआर की जांच कर रही है.
यूपी पुलिस द्वारा दर्ज मामलों के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी धनशोधन का मामला दर्ज किया था और पीएफआई और सीएफआई के कई पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है. सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में पीएफआई ने राज्य में दंगे भड़काए हैं.