उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके छात्र विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के परिसरों में तलाशी ली. हाथरस की घटना में कथित साजिश और उसके बाद हुई घटनाओं की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की गई. एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, नोएडा शाखा के अधिकारियों ने दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग स्थित पीएफआई के कार्यालय में तलाशी ली. पिछले एक महीने में यूपी एसटीएफ द्वारा पीएफआई के कार्यालय में यह दूसरी तलाशी है. इससे पहले, एसटीएफ ने इस साल फरवरी में पीएफआई के कार्यालय की तलाशी ली थी.
यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में मथुरा से पीएफआई और सीएफआई से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जब वे 19 वर्षीय दलित पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे. पीड़िता की राष्ट्रीय राजधानी के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में पुष्टि की थी कि हाथरस मामले की जांच का एक हिस्सा यूपी एसटीएफ को सौंपा जा रहा है. एसटीएफ इस संबंध में सभी 19 एफआईआर की जांच कर रही है.
यूपी पुलिस द्वारा दर्ज मामलों के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी धनशोधन का मामला दर्ज किया था और पीएफआई और सीएफआई के कई पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. उत्तर प्रदेश सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है. सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में पीएफआई ने राज्य में दंगे भड़काए हैं.
बांग्लादेश के आतंकी संगठन ने की पीएफआई सदस्यों की मदद
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के दो सदस्य, जिन्हें पिछले दिनों लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था, बांग्लादेश (Bangladesh) स्थित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के संपर्क में थे. उत्तर प्रदेश के एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि दोनों--असद बदरुद्दीन और फिरोज खान बांग्लादेश का दौरा भी कर चुके हैं और आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए विस्फोटक की व्यवस्था की थी. दोनों शख्स देश के विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहे थे, जब उन्हें स्पेशल टास्क फोर्स ने भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया. जानकारी सामने आई है कि पीएफआई ने हिट स्क्वॉयड बनाया हुआ था, जिसके निशाने पर बीजेपी (BJP) और संघ के प्रमुख नेताओं के अलावा हिंदूवादी चेहरे भी थे. इसके साथ ही कई शहरों में धमाका करने की भी योजना थी.
हिट स्क्वॉयड के जरिये करनी थी हत्याएं
अतिरिक्त महानिदेशक कानून-व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया, 'गिरफ्तार किए गए दोनों पीएफआई सदस्य केरल से हैं और उनका उद्देश्य हमला कर समाज में धार्मिक दुश्मनी पैदा करना था.' दोनों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वे लखनऊ, बहराइच, मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ के पीएफआई सदस्यों की मदद से एक बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार कर रहे थे. 20-25 लोगों की टीम को 'हिट स्क्वॉड' नाम दिया गया था और उन्हें हथियारों का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया गया था. पीएफआई, जो केरल में एक सामाजिक युवा संगठन होने का दावा करता है, कई राज्यों में पुलिस की जांच के दायरे में है.
एक साल में पीएफआई के 123 लोग गिरफ्तार
2019 में, एंटी सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में इसके कई सदस्यों को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उन्होंने बताया कि पीएफआई इस काम को अंजाम देने के लिए यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी अपने सदस्य बना रही है. इसमें मुख्य किरदार बदरुद्दीन निभा रहा था. जबकि फिरोज असलहों की ट्रेनिंग देता है. उन्होंने बताया कि यह लोग देश के अलग अलग हिस्सों में वर्ग विशेष के युवकों को बरगला कर उनका ब्रेन वॉश कर रहे हैं और फिर उन्हें असलहों की ट्रेनिंग देने की योजना बना रहे हैं. एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि यूपी में बीते एक साल में पीएफआई के 123 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पीएफआई का मंसूबा न सिर्फ प्रदेश का अमन चैन को बिगाड़ने का है, बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा करने का भी है.
रऊफ ने दिया कमांडर का सुराग
प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस में भी जातीय हिंसा फैलाने में पीएफआई का नाम सामने आया था. जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली हिंसा में भी पीएफआई का नाम सामने आ चुका है. हाथरस में हिंसा की साजिश में पिछले दिनों केरल से गिरफ्तार रऊफ को एसटीएफ मथुरा ले आई थी और उसे न्यायालय में पेश किया था. एसटीएफ की कस्टडी के दौरान रऊफ ने कमांडर और ट्रेनर के बारे में जानकारी दी थी. माना जा रहा है कि उसी के बाद से एसटीएफ सक्रिय हुई और उसे बड़ी कामयाबी मिली.
HIGHLIGHTS
- एसटीएफ की टीम का सर्च आपरेशन जारी
- पिछले दिनों भी यूपी एसटीएफ ने पीएफआई के आफिस में छापेमारी की थी
- लखनऊ में PFI के दो सदस्य गिरफ्तार किया गया था