मणिपुर भूस्खलन मामले में मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. इतने लोगों के शव बरामद किये गए हैं. अब तक 23 लोगों को मलबे से बाहर निकाला है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि इस हादसे के बाद मौके पर मौजूद करीब 60 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. लापता लोगों में स्थानीय ग्रामीण, टेरिटोरियल आर्मी के जवान, रेलवे के कर्मचारी और मजदूर लोग शामिल हैं. इस हादसे के बाद से ही राहत एवं बचाव कार्य जारी है. जो अब भी चल रहा है.
तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हादसा
जानकारी के मुताबिक, ये प्राकृतिक आपदा नोनी ज़िले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास आई है. यहां जिरिबाम से इंफाल जाने वाली निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए तैनात 107 टेरिटोरियल आर्मी की पूरी कंपनी भी भूस्खलन की चपेट में आ गई है. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार हादसे में टेरिटोरियल आर्मी के 7 सैनिकों की मौत हो गई है, और 23 जवान लापता हैं. यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन बारिश की वजह से काफी परेशानियां सामने आ रही हैं.
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घायलों का इलाज नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में किया जा रहा है. इस बीच सुबह से ही एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवान राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं. कई लोगों को बचाया भी गया है. स्थानीय प्रशासन भी राहत-बचाव कार्य में लगी हुई है. इस बीच मणिपुर नोनी के डीजीपी ने 14 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
पीएम मोदी ने दिया हरसंभव मदद का भरोसा
इस बीच पीएम मोदी ने हादसे के तुरंत बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री से बातचीत की, और मदद का भरोसा दिया. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से बात की और दुखद भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की. केंद्र से हरसंभव मदद का उन्हें आश्वासन दिया. मैं इससे प्रभावित सभी लोगों के सुरक्षित होने की कामना करता हूं. शोकाकुल परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
HIGHLIGHTS
- मणिपुर में भूस्खलन के चलते बड़ा हादसा
- अब तक 14 शव बरामद, 23 लोग बचाए गए
- हादसे में 60 लोग अब भी लापता