रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बताया कि भारतीय वायुसेना में मौजूद 115 एएन-32 विमानों में से 55 का उन्नयन किया जा चुका है. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सिंह ने बताया कि उन्हीं विमानों को उड़ान भरने की अनुमति दी गई है जो मानकों को पूरा करते हैं. सिंह ने पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि विमान दुर्घटनाओं के बाद पिछले पांच साल में कुल 34 कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की मंजूरी दी गई है.
इनमें से 27 की रिपोर्ट मिल गई है और उनके सुझावों पर क्रियान्वयन किया जा रहा है ताकि भविष्य में हादसों को टाला जा सके. रक्षा मंत्री ने बताया कि विमानों का उन्नयन सतत प्रक्रिया है. अगर किसी एएन-32 का उन्नयन नहीं किया गया है तो ऐसा नहीं है कि वह उड़ान नहीं भर सकता. मानकों को पूरा करने वाले विमानों को उड़ान भरने की अनुमति है.’ सिंह ने यह भी बताया कि पिछले दिनों अरूणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का पूर्ण तकनीकी जीवन विस्तार किया गया था. इस हादसे में 13 लोग मारे गए थे.
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रक्षा मंत्री के अनुसार, हादसे रोकने के लिए सभी तरह की ऐहतियात बरती जाती है लेकिन कई बार मानवीय चूक या खराब मौसम की वजह से भी हादसा होता है. जब भी कोई हादसा होता है, कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश में विमान के उतरने वाले मैदान छोटे हैं और आसपास पहाड़ियां हैं इसलिए विमानों को घाटी में कम ऊंचाई पर उड़ान भरना पड़ता है. यही वजह है कि वहां एएन-32 विमान उड़ाए जाते हैं.
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HIGHLIGHTS
- 115 एएन-32 विमानों में से 55 हुए मॉडीफाइड
- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी जानकारी
- अगर मॉडीफाइड नहीं हुए विमान तो नहीं भरेंगे उड़ान
Source : Bhasha