राज्यसभा में एक बार फिर से प्रधानमंत्री को निशाने पर लेते हुए विपक्षी पार्टी ने हंगामा किया है। इस बार विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान से नाराज़ हैं जिसमे उन्होंने कहा, 'कालाधन रखने वालों को व्यवस्थित करने का मौका नहीं मिला इसलिए वे परेशान हैं।'
नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि विपक्ष कालाधन रखने वालो का समर्थन कर रहे है, ये सरासर विपक्ष का अपमान है। पीएम को अपने बयान पर माफ़ी मांगनी चाहिए।
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने मांग का समर्थन करते हुए कहा, प्रधानमंत्री को सदन के अंदर अपने बयान पर माफ़ी मांगनी चाहिए और ये साफ़ करना चाहिए कि काला धन किसके पास है।
बाद में सभी विपक्षी दलों ने नेता प्रतिपक्ष का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री से माफ़ी मांगने को कहा।
हालांकि वित्तीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रधानमंत्री का बचाव करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी का बयान विपक्षी पार्टी के लिए नहीं था बल्कि काला धन रखने वालों के लिए था।
इससे पहले विपक्ष सदन में इस बात पर हंगामा कर रहे थे कि नोटबंदी पर पूरी चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री सदन में मौजूद रहें।
ज़ाहिर है शीतकालीन सत्र का आज आठवां दिन है ऐसे में एक बार फिर नोटबंदी के फ़ैसले को लेकर सदन में हंगामा जारी है। हां ये ज़रूर है कि इस बार सदन में हंगामा करने का एजेंडा बदल गया है।