राज्यसभा के 8 सांसदों के निलंबन को तत्काल रद्द करने की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है. कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने राज्यसभा में कार्यवाही का बहिष्कार किया है. इतना ही नहीं, ऐसा नहीं करने पर गुलाम नबी आजाद ने शेष मानसून सत्र का बहिष्कार करने की धमकी दी है. आजाद ने कहा कि जब तक आठ सदस्यों का उच्च सदन से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक कांग्रेस राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगी.
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गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि पिछले दो दिनों में जो सदन में हुआ मुझे नहीं लगता कि उससे कोई भी खुश है. करोड़ों लोगों को जो रिप्रेजेंट करते हैं उन्हें करोड़ों लोग देखते हैं. जो लक्ष्य है यहां आने का वो तो पूरा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक हमारे सांसदों के संस्पेंशन को वापिस नहीं लिया जाता और किसान के बिलों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता विपक्ष सत्र से बायकॉट करती है.
गुलाम नबी आजाद ने सरकार से नया विधेयक लाने और यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि निजी कंपनियां किसानों से एमएसपी से कम कीमत पर फसलों की खरीद नहीं करे. उन्होंने कहा, 'जब ये बिल ला रहे थे तो MSP उस वक्त अनाउंस करनी चाहिए थी पर नहीं की. खैर MSP बाद में अनाउंस किया गया जिसका हम स्वागत करते हैं. MSP को लेकर हमने तीन कंडीशनें रखी हैं जब तक वो पूरी नहीं हो जाती ये बायकॉट जारी रहेगा.'
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गौरतलब है कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान हुए हंगामे में असंसदीय आचरण को लेकर विपक्ष के आठ सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव कल सोमवार को पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी. निलंबित किए गए सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau