उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक शिक्षक पर कथित तौर पर छात्रों से सिर्फ अभिवादन के तौर पर सिर्फ 'सलाम आलेकुम' कहने को लेकर विवाद हो गया है. आरोप है कि हरदोई के एक सरकारी स्कूल में उर्दू शिक्षक इस्तियाक खान ने छात्रों से अभिवादन के तौर पर सलाम वालेकुम कहने का आदेश दिया था जिसके बाद कुछ लोगों ने उनकी शिकायत कर दी. शिकायत को लेकर हरदोई के शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने कहा, 'हमने उन्हें इस बात के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाएगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी'.
यूपी के बलिया में एक सरकारी स्कूल में कथित तौर पर बच्चे को सिर्फ इसलिए सजा दी गई क्योंकि उसने प्रार्थना के दौरान 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. मामला तब सामने आया जब मानस मंदिर नाम के एक सामाजिक संगठन के शिव कुमार जयसवाल ने अपने कुछ साथियों के साथ एम-ए-एम इंटर कॉलेज का दौरा किया और वहां छात्रों ने बताया कि भारत माता की जय के नारे लगाने पर उन्हें सजा दी गई.
इस मामले की पुष्टि स्कूल के ही अर्थशास्त्र के शिक्षक संजय पांडे ने की और कहा, ऐसे कई छात्रों को सजा मिल चुकी है जो ऐसे नारों से अपनी देशभक्ति का जज्बा दिखाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने इसका सबसे बड़ा कारण स्कूल में ज्यादातर मुस्लिम शिक्षकों का शामिल होना बताया.
न्यूज ऐजेंसी ANI से बात करते हुए शिक्षक पांडे ने कहा, जावेद नाम के टीचर ने हाल ही में ऐसे दशभक्ति नारे लगाने पर एक छात्र को घूप में घंटों खड़े रहने की सजा दी थी और ऐसा पिछले कई महीने से जारी है. उन्होंने कहा इस स्कूल में छात्रों को दशभक्ति नारा लगाने की इजाजत नहीं है क्योंकि यहां ज्यादातर टीचर मुसलमान हैं.'
हालांकि स्कूल के प्रिंसिपल माजिद नसीर ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि इस संस्थान में बच्चों के भीतर हमेशा देशभक्ति की भावना पैदा करने की कोशिश की जाती है.
उन्होंने कहा, मैंने स्कूल में कभी ऐसा कुछ होते हुए नहीं सुना है. मैं खुद सरकार की तरफ से आयोजित ऐसे दशभक्ति के कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता हूं. मैं ने 2 अक्टूबर को भी स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा लिया था.
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Source : News Nation Bureau