चीन (China) के साथ लगातार बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका (America) ने अपनी ताकत का अंदाजा कराया है. अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर तक गश्त बढ़ा दी है. अमेरिका ने चीन की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास खत्म करने के बाद अमेरिकी नौसेना का महत्वूपर्ण एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) 'यूएसएस निमित्ज' अब अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पास पहुंच गया है.
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चीन को घेरने की तैयारी
कोरोना वायरस के बहाने अमेरिका लगातार चीन को घेर रहा है. चीन के साथ जारी तनातनी के बीच अमेरिका ने हिंद महासागर में चीन को करारा जवाब देने की तैयारी कर ली है. अमेरिका का जो एयरक्राफ्ट करियर अंडमान पहुंचा है वह परमाणु शक्ति से चलती है. 332 मीटर लंबे इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टरों के अलावा लगभग 3000 नौसैनिक तैनात रहते हैं. इस एयरक्राफ्ट कैरियर को 3 मई, 1975 को अमेरिकी नौसेना में शामिल किया गया था.
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चारों ओर से घिरता जा रहा चीन
चीन को चारों ओर से घेरने की तैयारी कर ली गई है. चीन पर दबाव डालने की रणनीति के तहत अमेरिका ने हिंद महासागर में कुल तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को तैनात किया है. यूएसएस निमित्ज के अलावा यूएसएस रोनाल्ड रीगन फिलहाल दक्षिण चीन सागर में, जबकि यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट फिलीपीन सागर के आसपास गश्त लगा रहा है. इसके साथ ही भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी हिंद महासागर में घेरने की तैयारी में जुटे हैं. चीन के व्यापार का बड़ा हिस्सा हिंद महासागर से ही खाड़ी और अफ्रीकी देशों में जाता है. चीन अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा आयात भी इसी रास्ते से करता है. अगर यह रास्ता बंद हुआ तो चीन के सामने तेल समेत कई चीजों की किल्लत हो सकती है.
Source : News Nation Bureau