जहां पिछले दो महीने से भारत और चीन के बीच डाकोला पर गतिरोध बना हुआ है वहीं हिंद महासागर में चीन लगातार अपनी ताकत को बढ़ा रहा है। ऐसे में अमेरिका ने भारत की समुद्री ताकत बढ़ने के लिए 22 गार्डियन ड्रोन बेचने का फैसला किया है।
अमेरिका एंव अंतरराष्ट्रीय सामरिक विकास, जनरल एटॉमिक्स के मुख्य कार्यकारी विवेक लाल ने कहा, ‘इसे अमेरिका-भारत द्विपक्षीय रक्षा संबंध को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जाना चाहिए।’
उन्होनें कहा इसे रक्षा संबंधों के साथ-साथ अमेरिका में 2 हजार नई जॉब्स का निर्माण भी होगा।
गौरतलब है कि भारत की समुद्री सीमा 7300 किमी लंबी है। ऐसे में सी-गार्डियन ड्रोन सेनाओं का अहम रक्षा उपकरण है। इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये ड्रोन लगातार 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है और दुश्मन पर नजर बनाए रख सकता है।
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नरेंद्र मोदी के जून में हुए अमेरिकी दौरे के दौरान भारत को 2 बिलियन डॉलर में ड्रोन दिए जाने पर डोनाल्ड ट्रम्प ने सहमति जताई थी। अमेरिका ने पहली बार किसी ऐसे देश को ये ड्रोन देने का फैसला किया है, जो कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य नहीं है।
भारत ने हाल ही में इजरायल से 10 हेरॉन ड्रोनों की खरीद का भी समझौता किया है, जिनकी कीमत 400 मिलियन डॉलर है।
इससे पहले सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष सीनेटर जॉन कोर्निन ने ट्वीट कर कहा, ‘ड्रोन की बिक्री से अमेरिका-भारत संबंध मजबूत होंगे।’
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HIGHLIGHTS
- भारत को 22 गार्डियन ड्रोन देगा अमेरिका
- मजबूत होंगे अमेरिका-भारत रक्षा संबंध
Source : News Nation Bureau