ISIS के खुरासान समूह उर्फ ISIS-के ने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले की साजिश रची थी.अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को यह जानकारी दी. राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के कार्यकारी निदेशक रसल ट्रैवर्स ने मंगलवार को कहा कि ISIS की सभी शाखाओं में से ISIS-के वह संगठन है, जो अमेरिका के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह है.
भारतीय मूल की सांसद मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में ट्रैवर्स ने कहा, 'आईएसआईएस की शाखाओं एवं नेटवर्क में से, आईएसआईएस-के निश्चित तौर पर सबसे ज्यादा चिंतित करने वाला संगठन है.'
मैगी द्वारा क्षेत्र में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की आईएसआईएस-के की क्षमता के बारे में पूछे जाने पर ट्रैवर्स ने कहा, 'संगठन अफगानिस्तान के बाहर हमले करने के लिए उकसाता है. उसने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमला करने की साजिश रची थी, जो नाकाम हो गई.' हसन ने पिछले महीने अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में ISIS से संबद्ध संगठन आईएसआईएस-के के तेजी से बढ़ रहे खतरों को लेकर अमेरिकी सेना की चिंताओं को सुना.
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उन्होंने कहा, 'मैंने स्पष्ट तौर पर सुना कि आईएसआईएस-के अफगानिस्तान में न सिर्फ अमेरिकी बलों के लिए खतरा है, बल्कि अमेरिका पर हमला करने की भी साजिश रचता है.' पिछले हफ्ते ट्रैवर्स ने कहा था कि दुनिया भर में ISIS की 20 से ज्यादा शाखाएं हैं, जिनमें से कुछ संगठन हमलों को अंजाम देने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं.
बता दें, इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को तमिलनाडु (Tamilnadu) के छह स्थानों पर हिंदू संगठनों के नेताओं की हत्या के लिए आईएस (ISIS) से प्रेरित समूह द्वारा कथित साजिश के संबंध में छापेमारी की. एनआईए के एक सूत्र ने कहा कि आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी इलायागुड़ी, त्रिची, कयालपट्टिनाम व नागपट्टिनाम में एक-एक और कोवेई में दो स्थानों समेत कुल छह स्थानों पर छापेमारी की. सूत्र ने कहा कि जांच एजेंसी इस्लामिक स्टेट से प्रेरित समूहों द्वारा हिंदू मक्कल काची के नेता अर्जुन संपत और उनके बेटे ओमकार की हत्या की कथित साजिश की जांच कर रही थी.
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केंद्रीय जांच एजेंसी को साजिश के बारे में स्थानीय पुलिस ने जुलाई में सतर्क किया था. कोयंबटूर पुलिस की एक विशेष जांच इकाई ने पिछले साल सितंबर में तमिलनाडु में एक आईएस-प्रेरित इस्लामिक समूह के सात सदस्यों की एक साजिश को नाकाम किया था, जिसमें हिंदू मुन्नानी नेता मूकंबिकाई मणि और शक्ति सेना के नेता अंबु मारी की हत्या की साजिश रची गई थी.