भारत में कोरोना संकट के बीच कई देशों ने भारत के सामने मदद का हाथ बढ़ाया है. अमेरिका ने इस मुश्किल घड़ी में भारत को चिकित्सकीय मदद दी है. अमेरिका से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप अगले दो दिनों में यानी शुक्रवार तक भारत पहुंच जाने की उम्मीद है, जिसमें करीब 740 करोड़ से अधिक के सामान हैं. भारत ने पहली लहर में अमेरिका की मदद की थी जिसके बाद अमेरिका ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन और वैक्सीन के लिए कच्चा माल मुहैया कराकर मदद की है. जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने भारत को 100 मिलियन यानि करीब 741.66 करोड़ से अधिक की कीमत की मदद की है.
शुक्रवार तक भारत पहुंचेगी मदद
अमेरिका ने भारत के लिए इमरजेंसी रिलीफ आपूर्ति की पहली खेप मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए त्राविस एयर फोर्स बेस से भेजी है. जानकारी के मुताबिक पहली खेप में 440 ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर्स हैं. इसके साथ ही करीब 960,000 रैपिड कोरोना टेस्ट किट है और करीब 1 लाख एन95 मास्क हैं. सूत्रों का कहना है कि भारत ने अमेरिका से मेडिकल आपूर्ति मांगी है, जिनमें टीके की तैयार खुराकों के साथ-साथ कोविड-19 रोधी टीके के उत्पादन के लिए कच्चा माल शामिल है.
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अमेरिका ने कच्चा माल देने से किया था इनकार
शुरू में अमेरिका ने भारत को वैक्सीन के लिए कच्चा माल देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से 26 अप्रैल को फोन पर बात की. इसके बाद अमेरिका भारत को कच्चा माल देने पर राजी हो गया. अमेरिका ने यह कदम ऐसे समय में भी उठाया है जब उसकी भारत को वैक्सीन के लिए कच्चा माल न देने पर आलोचना हुई. भारत को रूस और यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों ने मदद का ऐलान किया, इसके बाद अमेरिका की आंख खुली और वह भी भारत को उसके किए का एहसान चुकाने को तैयार हो गया.
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व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के अनुसार, अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन के भारतीय निर्माण के लिए आवश्यक जरूरी कच्चे माल की पहचान की है जो तुरंत भारत के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. भारत में फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स को बचाने और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जरूरी वेंटिलेटर्स, पीपीई किट्स, रेपिड डायगनॉस्टिक टेस्ट किट्स आदि भी तुरंत मुहैया करवाई जाएंगी. साथ ही अमेरिका भारत को तुरंत ऑक्सीजन जेनरेशन और उससे जुड़ी सप्लाई को देने के लिए विकल्पों पर काम कर रहा है.