सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही भारत में पटरियों पर बुलेट ट्रेन भी दौड़ेगी। बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है और भारतीय रेलवे पीएम मोदी का सपना पूरा करने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रही है।
रेलवे ने मुंबई अहमदाबाद रूट पर चलने के लिए बुलेट सीरीज की 25 ट्रेनों का ऑर्डर दिया है। इस प्रोजेक्ट के लिए भारतीय रेलवे 9,800 करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है, जबकि बाकी की राशि गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारें वहन करेंगी।
इतना ही नहीं दिल्ली से अमृतसर के बीच दूसरे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की परियोजना भी शुरु होने वाली है। बताया जा रहा है बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद 458 किमी की दूरी करीब ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी।
गुरुवार को इस संबंध में राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने बताया कि केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय ने बुलेट ट्रेन शुरू करने के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है और यह प्रोजेक्ट 2024 तक पूरा हो जाएगा।
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शनिवार को ही उत्कल एक्सप्रेस हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई जबकि 100 के क़रीब लोग घायल हैं। वहां रह रहे लोगों का कहना है कि ये दुर्घटना रेलवे की लापरवाही से हुई है। रेलवे ट्रैक पर पिछले कुछ दिनो से मरम्मत का काम चल रहा था।
साल 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री रेलवे का कायाकल्प करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन उन्हीं के शासन काल में एक के बाद एक 8 बड़े रेल हादसे हो चुके हैं जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोगों की जिंदगी जा चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई हम अपने देश में बुलेट ट्रेन के परिचालन के लिए तैयार हैं।
क्योंकि बुलेट ट्रेन की एवरेज स्पीड 300 किलो मीटर होती है, वहीं देश की सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन की औसत रफ़्तार 100 से 120 किलो मीटर है। शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन उत्कल एक्सप्रेस की रफ़्तार महज़ 70 से 80 किलो मीटर की होती है।
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उत्कल एक्सप्रस ट्रेन हादसे में रेल जब पटरी से उतरी तो दीवार तोड़कर सीधे घर में जा घुसी। अंदाज़ा लगाइए कि अगर 300 किलो मीटर रफ़्तार से चल रही कोई ट्रेन अगर पटरी से उतरी होती तो फिर क्या होता?
2014 से लेकर 2016 तक की स्टैडिंग कमिटी की इस रिपोर्ट को देखा जाए तो मालूम होता है कि ट्रेन की सीधी टक्कर और पटरी से रेल उतरने की वजह से 163 ट्रेन हादसे हुए हैं।
#Breaking 2014 से 2016 तक ट्रेन की सीधी टक्कर और पटरी से रेल उतरने की वजह से 163 ट्रेन हादसे हुए हैं। pic.twitter.com/56s7UWVNX7
— News State (@NewsStateHindi) August 20, 2017
एक नजर उन बड़े रेल हादसों पर जो मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ है।
पुखरायां रेल हादसा- साल 2016 में 20 नवंबर को कानपुर के पास पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हुआ था जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। सरकार ने इस हादसे में आतंकी साजिश होने की भी आशंका जताई थी।
बछरावां रेल दुर्घटना- साल 2015 में 20 मार्च को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस यूपी के बछरावां रेलवे स्टेशन से थोड़ी ही दूरी पर पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोगों मारे गए थे।
कामायनी एक्सप्रेस और पटना मुंबई जनता एक्सप्रेस हादसा- साल 2015 में 10 मिनट के भीतर दो बड़े रेल हादसे हुए थे। मुंबई-वाराणसी एक्सप्रेस इटारसी में डीरेल हो गई थी जबकि पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस भी पटरी धंसने से हादसे का शिकार हो गई थी। इस दुर्घटना में 31 लोगों की मौत हो गई थी।
मुरी एक्सप्रेस हादसा- साल 2015 में में यूपी के कौशांबी जिले के सिराथू रेलवे स्टेशन से थोड़ी ही दूरी पर मुरी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी। इस हादसे में 25 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
गोरखधाम एक्सप्रेस दुर्घटना- साल 2014 में 26 मई को यूपी के संत कबीर नगर के चुरेन रेलवे स्टेशन के पास गोरखधाम एक्सप्रेस की मालगाड़ी से सीधी टक्कर हो गई थी। इस हादसे में 22 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
रायगढ़ रेल हादसा- साल 2014 में महाराष्ट्र के रायगढ़ में ट्रेन का इंजन और 6 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 120 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।
भदोही ट्रेल एक्सीडेंट- बीते साल 25 जुलाई को यूपी के भदोही में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन से एक स्कूली वैन टकरा गई थी जिसमें 7 बच्चों की जान चली गई थी।
HIGHLIGHTS
- बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है
- रेलवे ने मुंबई अहमदाबाद रूट पर चलने के लिए बुलेट सीरीज की 25 ट्रेनों का ऑर्डर दिया है
- दिल्ली से अमृतसर के बीच दूसरे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की परियोजना भी शुरु होने वाली है
- 300 किलो मीटर रफ़्तार से चल रही कोई ट्रेन अगर पटरी से उतरी तो क्या होगा
Source : News Nation Bureau