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बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने खुद ग्राउंड जीरो पर उतरे मुख्यमंत्री

बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने खुद ग्राउंड जीरो पर उतरे मुख्यमंत्री

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IANS
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Uttar Pradeh

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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उत्तर प्रदेश बाढ़ की आपदा झेल रहा है। इन इलाकों के लोगों की दिक्कत अन्य परेशानियों से रूबरू होने के लिए मुख्यमंत्री योगी खुद ग्राउंड जीरो पर उतरे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया जिले में यमुना नदी के किनारे बाढ़ से प्रभावित गांव का हवाई निरीक्षण किया और उसके बाद औरैया जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में लोगों को राहत सामग्री बांटी और जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद वह इटावा के पुलिस लाइन में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो से आए पीड़ितों से मुलाकात कर राहत सामग्री का वितरण किया।

उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा से प्रभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री योगी खुद कर रहे हैं। उनके निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों के लिये 828 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। इन शरणालयों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है। प्रत्येक राहत शिविरों में प्रकाश और अस्थाई शरणालयों में शौचालय, पेयजल, कपड़े, बर्तन, बिस्तर आदि की सुनिश्चित व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं।

वर्तमान में 15 जनपदों के 247 गांव बाढ से प्रभावित हैं। जबकि प्रदेश में गंगा नदी कचलाब्रिज बदायूं, बलिया, गाजीपुर, यमुना नदी इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा, बेतवा नदी बांदा और हमीरपुर, शारदा नदी पलियाकलां खीरी, क्वानों नदी गोंडा और चंबल नदी खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं। गौरतलब है कि 24 घंटे में प्रदेश में 4.1 मिमी औसत वर्षा हुई है जो सामान्य से 9.6 मिमी के सापेक्ष 43 प्रतिशत है। इसी प्रकार प्रदेश में 01 जून से अब तक 411 मिमी औसत वर्षा हुई जो सामान्य वर्षा 426 मिमी के सापेक्ष 96 प्रतिशत है। जबकि पिछले 24 घंटों में प्रदेश में किसी भी जनपद में 25 मिमी या उससे अधिक वर्षा दर्ज नहीं की गई है। प्रदेश में अधिक वर्षा वाले जनपदों की संख्या 12, सामान्य वर्षा वाले 35 जनपद, कम वर्षा वाले 15 जनपद और अत्याधिक कम वर्षा वाले जनपदों की संख्या 13 पहुंच गई है।

इन स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने बचाव कार्य में 1133 नांव लगाई हैं, जबकि प्रदेश में 976 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। बाढ़ क्षेत्रों में 409 मेडिकल टीम गठित की गई है जो बाढ़ में फंसे लोगों को इलाज की सुविधा प्रदान करने में जुटी हैं। जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह को बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा के लिये लगाया गया है। उनकी ओर से चंबल और यमुना नदी की बाढ़ प्रभावित जनपदों का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है। इतना ही नहीं सरकार की ओर से अभी तक 7015 ड्राई राशन किट का वितरण किया गया है जबकि पिछले 24 घंटों में 1230 लोगों को ड्राई राशन किट बांटी गई है। अब तक राज्य सरकार प्रभावित लोगों को 28028 लंच पैकेटों का वितरण कर चुकी है। जबकि 24 घंटों में 7491 लंच पैकेट बांटे गये हैं। इतना ही नहीं मानव जीवन के साथ जानवरों की सुरक्षा के लिये पिछले 24 घंटों में 12 पशु शिविर लगाए गये, जबकि अब तक सरकार प्रदेश में 360 पशु शिविर लगा चुकी है। इनमें कुल 724329 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने 536 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया है। एनडीआरएफ टीमों को प्रदेश के 9 जिलों में लगाया गया है। एटवा, जालौन, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, लखनऊ, बलिया और वाराणसी में 10 टीमों की तैनाती गई है। एसडीआरएफ की 12 टीमों को 11 जनपदों में सक्रीय किया गया है। पीएससी 17 टीमों को सीतापुर, प्रयागराज, बरेली, आगरा, आजमढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, एटा और मेरठ में लगाया गया है।

चंबल नदी व यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण जालौन की माधोगढ़ तहसील और कालपी के 05 ग्रामों का सम्पर्क टूट गया। इन ग्रामों में फंसे परिवारो को वायु सेना के 02 हैलीकॉप्टरों की मदद से राहत सामग्री वितरित की गई। वायुसेना के इन हैलीकॉप्टरों से माधोगढ़ के 10 गांवों में 1500 व्यक्तियों को 2.500 किग्रा पैकैट वितरित किये गये। जिनमें लइया, चना, बिस्कुट, गुड़, नमकीन, नहाने का साबुन, माचिस और मोमबत्ती शामिल है। तहसील कालपी के 05 गांव में 1000 व्यक्तियों को सामग्री के पैकेट बांटे गये।

प्रदेश के जनपद जो बाढ़ग्रस्त हैं उनमें शुष्क खाद्यान्न का वितरण भी सरकार की ओर से किया जा रहा है, जिसमें आटा, चावल, अरहर की दाल, हल्दी, मिर्च, धनियां, नमक, रिफाइंड, आलू के 3750 पैकेट और 7271 लोगों को लंच पैकेट बांटे जा चुके हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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