पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को झटका देते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। पूर्व अखिलेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं योगी सरकार के निशाने पर रही है।
गोमती रिवर फ्रंट अखिलेश सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल रही है। मार्च 2015 में शुरू हुई इस परियोजना का बजट 1513 करोड़ रुपये है। अखिलेश सरकार के कार्यकाल में अब तक 1437 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। हालांकि 95 फीसदी बजट खर्च के बावजूद इस प्रोजेक्ट का 60 फीसदी कार्य ही पूरा किया जा सका है।
हाल ही में योगी शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग करते हुए इसमें हुए कथित घोटाले की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश कर चुके हैं।
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सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद राज्य सरकार शिया वक्फ बोर्ड के 6 सदस्यों को उनके पद से हटा चुकी है, जिन्हें पूर्व समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान नियुक्त किया गया था।
सरकार बनने के तत्काल बाद ही योगी ने सबसे पहले गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की समीक्षा का आदेश दिया था और अब सरकार ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, अखिलेश सरकार की एक और महत्वपूर्ण योजना आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की जांच के आदेश दे चुके हैं।
इसके साथ ही समाजवादी पार्टी द्वारा शुरु किए गए प्रदेश के सबसे बड़े सम्मान यश भारती, समाजवादी पेंशन योजना, स्मार्टफोन योजना और साइकिल ट्रैक प्रोजेक्ट की समीक्षा की जा रही है।
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HIGHLIGHTS
- योगी सरकार ने दिए गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की सीबीआई जांच के आदेश
- पूर्व अखिलेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं योगी सरकार के निशाने पर रही है
- गोमती रिवर फ्रंट अखिलेश सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल रही है
Source : News Nation Bureau