उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में पिछले कुछ महीनों से एक 27 वर्षीय दलित युवक की शादी सिर्फ इसलिए रुकी हुई है कि उसकी बारात ठाकुरों के इलाके से नहीं गुजर सकती है।
कासगंज में लड़की के गांव वाले ठाकुर समुदाय ने अपने इलाके से बारात को ले जाने से मना कर दिया जिसके बाद दोनों की शादी अटकी पड़ी है।
दलित युवक संजय कुमार ने अपनी शादी के लिए सरकार के सभी कार्यालयों, डीजीपी, मुख्यमंत्री से लेकर एससी/एसटी आयोग और यहां तक कि स्थानीय अखबारों तक में अपनी बात रखी लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह युवक शादी के बारात को अपनी दुल्हन के गांव में ले जाने के लिए मदद मांग रहा है जो कि ठाकुरों के वर्चस्व का इलाका है।
युवक ने कहा कि क्या वह हिंदू नहीं है? उसने प्रखंड विकास परिषद के एक सदस्य से कहा, 'जब हमारा संविधान कहता है कि हम सभी बराबर हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि हम सभी हिंदू हैं वे हिंदूवादी पार्टी को लीड करते हैं तो मैं ऐसी चीजों का सामना क्यों कर रहा हूं?'
संजय ने कहा, 'क्या तब मैं हिंदू नहीं हूं? एक संविधान के द्वारा लोगों के लिए शासन करने का नियम अलग-अलग नहीं हो सकता है।'
सिस्टम से हारे हुए संजय कुमार ने 15 मार्च को इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का भी रुख किया था।
संजय की शादी को अब 20 दिन बचे हुए हैं और कोई समाधान नहीं निकल पाया है। पिछले सप्ताह कासगंज के जिलाधिकारी ने एसपी के साथ दुल्हन शीतल के गांव निजामाबाद का दौरा किया था।
पुलिस ने 11 जाटवों और 24 ठाकुरों के साइन भी करवाए हैं कि वे किसी भी तरह से कानून व्यवस्था को अपने हाथ में न लें।
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Source : News Nation Bureau