भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने यहां बुधवार को उत्तर प्रदेश चुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में अपना नाम नहीं देख आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें स्आर प्रचारकों की सूची से बाहर रखा है, पार्टी देश के स्टार प्रचारक को भूल गई है। फिर भी वह पार्टी को शुभकामनाएं देते हैं।
पटना साहिब क्षेत्र के सांसद सिन्हा ने पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, 'शत्रुघ्न सिन्हा जो लंबे समय तक भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश में स्टार प्रचारक के रूप में सेवा दे चुका है और उस राज्य के चप्पे-चप्पे से वाकिफ है, उसे स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखा गया।'
उन्होंने कहा, 'मैं कोई शिकायत नहीं कर रहा हूं। स्टार प्रचारकों की सूची बनाना पार्टी नेतृत्व का काम है। मैं पार्टी को उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए शुभकामनाएं देता हूं।'
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर उन्होंने कहा था, 'यह तो होना ही था।' इस पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उनकी तुलना बैलगाड़ी के नीचे चलने वाले कुत्ते से की थी। उन्होंने कहा था, 'बैलगाड़ी के नीचे चलने वाला कुत्ता समझता है कि गाड़ी वही चला रहा है।'
'बिहारी बाबू' के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा को राजनीति में जब भी जो ठीक लगा, बेबाक बोलते रहे हैं। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अच्छे काम की तारीफ कर चुके हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी उनके अच्छे संबंध हैं। जबकि पार्टी उन्हें खुले विचार वाले नेता नहीं, बल्कि 'कट्टर भाजपाई' के रूप में देखना चाहती है। पार्टी यह भूल जाती है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने बांग्लादेश की आजादी के लिए भारत के पाकिस्तान से युद्ध करने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 'दुर्गा' की संज्ञा दी थी।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संबंध के बारे में पूछे जाने पर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने अंदाज में कहा, 'हां, मेरे इन दोनों नेताओं से आपसी, सौहार्दपूर्ण, पारिवारिक संबंध हैं। इसे राजनीतिक रूप से नहीं देखा जाना चाहिए।'
नेता-अभिनेता ने एक बार फिर दोहराया कि वह भाजपा में हैं और मजबूती के साथ हैं, लेकिन स्टार प्रचारक नहीं हैं।