उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्रियों के तीन निजी सचिवों को रिश्वत मांगने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में तीनों मंत्री के निजी सचिव कथित तौर पर रिश्वत मांगते हुए दिखाए गए है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की है. एसआईटी एडीजी (लखनऊ क्षेत्र) राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में गठित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने एसआईटी को तत्काल जांच करने, सभी पक्षों का बयान दर्ज करने और 10 दिन में अपनी जांच को पूरा करने के निर्देश दिए. बता दें कि एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में यूपी सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिव रिश्वत मांगते हुए पकड़े गए थे.
कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ट्रांसफर के लिए 40 लाख कि रिश्वत मांगते हुए दिखे. खनन राज्य मंत्री अर्चना पांडेय और शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव रिपोर्टर से सौदे बाजी करते हुए दिखे. यह स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद यूपी सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. तीनों आरोपी को ससपेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया गया है. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी को बयान दर्ज करने और जांच को दस दिन में पूरा करने के निर्देश दिए है.
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एसआईटी टीम का गठन लखनऊ पुलिस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल राजीव कृष्णा को हेड बनाया गया है. इस केस में स्पेशल इनकम टैक्स अफसर राकेश वर्मा भी उनके साथ होंगे.
Source : News Nation Bureau