न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या, आत्मदाह, आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन जैसे कई मामले आपने सुने होंगे लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है कि कोई व्यक्ति धर्म ही बदल ले और बदले हुए पहचान के साथ जीना सीख ले. जी हां यह सच है. बागपत जिले का एक शख़्स अपने बेटे की मौत के मामले में यूपी पुलिस के रवैये से परेशान होकर अपने 13 सदस्यीय परिवार के साथ सामूहिक धर्म परिवर्तन कर लिया.
धरम सिंह (धर्म परिवर्तन के बाद बदला हुआ नाम) ने कहा, 'मेरा नाम अख्तर अली था. मैंने अपना धर्म बदल लिया है क्योंकि पुलिस ने हमारे केस की निष्पक्षता से जांच नहीं की. इतना ही नहीं मुस्लिम समुदाय भी हमारे पक्ष में खड़ा नहीं हुआ. मोदी के इंडिया में मुस्लिमों के साथ निष्पक्ष व्यवहार नहीं किया जा रहा है.'
Dharam Singh, member of the family says, "My name was Akhtar Ali, I have changed my religion because the police did not investigate our case in a fair manner, even the Muslim community did not stand in our support. In Modi's India, Muslims not treated fairly. I demand justice." pic.twitter.com/MYN4VzzYYI
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2018
बता दें कि मुस्लिम परिवार ने सोमवार को एसडीएम बड़ौत को एफिडेविट देकर स्वेच्छा से इस्लाम धर्म को छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने की मांग की थी. जिसके बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के सहयोग से 13 लोगों ने मंगलवार को हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार यज्ञ पूजन के बाद अपना नामकरण करवाया.
उधर सामूहिक धर्म परिवर्तन का मामला सामने आने सेके बाद बागपत के डीएम ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है. बागपत के जिलाधिकारी ऋषिरेंद्र कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि बड़ौत तहसील में कुछ लोगों ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के शपथ पत्र दिए हैं. हत्या के एक मामले की विवेचना से पीड़ित लोग संतुष्ट नहीं थे. पुलिस को इस मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.
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युवा हिंदू वाहिनी(भारत) के प्रदेश अध्यक्ष शौकेंद्र खोखर ने मंगलवार को बताया कि छपरौली थाने के बदरखा निवासी अख्तर पिछले छह-सात माह से बागपत कोतवाली क्षेत्र के निवाड़ा गांव के खुब्बीपुरा मोहल्ला में रह रहे हैं.
Source : News Nation Bureau