नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में इस कानून का सबसे अधिक विरोध हो रहा है. इस कानून को अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया जा रहा है. इसी बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी का अलग ही नजारा देखने को मिला. सर्वधर्म समभाव का संदेश देती इस झांकी को सूफी अंदाज में सजाया गया.
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राजपथ पर जब उत्तर प्रदेश की झांकी निकली तो उसने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी के घाट व गंगा की निर्मल धारा और बाराबंकी के देवा शरीफ के सूफियाना अंदाज का अहसास कराया गया. झांकी के अगले भाग में शास्त्रीय संगीत से जुड़े वाद्य-यंत्रों को प्रदर्शित किया गया तो वहीं पीछे सूफी अंदाज में मस्जिद भी दिखाई गई. उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी की संगीत परंपरा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले प्रख्यात शहनाई वादक भारत रत्न उस्ताद बिसमिल्ला खां, तबला सम्राट पंडित सामता प्रसाद (गुदई महाराज) और स्वर सम्राज्ञी गिरिजा देवी की प्रतिकृतियां भी प्रदर्शित की गई. इसके अलावा काशी की संत परंपरा को विशिष्ट पहचान देने वाले संत कबीर और संत रविदास की प्रतिकृतियां मौजूद रहीं. झांकी से सर्वधर्म समभाव का संदेश देने का प्रयास किया गया.
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जम्मू-कश्मीर की झांकी से घर वापसी का संदेश
उत्तर प्रदेश के साथ ही जम्मू कश्मीर की झांकी ने भी सभी को आकर्षित किया. राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर को नए अंदाज में डोगरी और कश्मीरी विरासत से रूबरू कराया गया. झांकी में जम्मू के बसोली स्कूल की पारंपरिक पेंटिंग भी देखने को मिली. झांकी बैक टू विलेज थीम पर आधारित रही. इसमें एक कोशिश यह भी की गई कि शहरों में रहने वाले गांवों की ओर रुख करें. झांकी के अगले भाग में कश्मीर बुनकर शाल की कढ़ाई करते दिखे.
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राजपथ पर दिखीं 16 राज्यों की झांकी
71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर 16 राज्यों और छह मंत्रालयों सहित कुल 22 झांकियां दिखाई दी. उत्तर प्रदेश के अलावा राजपथ पर पंजाब, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय, आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, असम की झांकियां शामिल हैं.
Source : Kuldeep Singh