उत्तराखंड (Uttarakhand) के कई विधायकों की नाराजगी की वजह से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की कुर्सी पर खतरा बढ़ गया है. देहरादून से वापसी के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने बतौर ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट भाजपा आलाकमान को सौंप दी है. इस रिपोर्ट पर अब सीएम रावत को बीजेपी नेतृत्व के सामने अपना पक्ष रखने के लिए सोमवार को दिल्ली तलब किया गया है. उत्तराखंड में अगले साल के शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने हैं, जिसे लेकर विपक्ष जोरदार तरीके से तैयारी में जुट गया है. वहीं, बीजेपी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर पार्टी में एक गुट ने मोर्चा खोल दिया है. सीएम को बदलने की मांग राज्य में पार्टी का एक धड़ा काफी लंबे समय से कर रहा है. ऐसे में ऐसी चर्चाएं भी हैं कि बीजेपी नेतृत्व किसी नये चेहरे को राज्य की कमान सौंप सकता है.
इन नामों पर हो रही चर्चा
सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड में सीएम बदलने की तैयारी की रूपरेखा लिखी जा रही है. ऐसे में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह पार्टी धन सिंह रावत या सतपाल महाराज के नाम पर नए सीएम के तौर पर विधायको के बीच सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है. अगर इन दोनों नेताओं पर सहमति नही बनी तो केंद्र की तरफ से नैनीताल लोकसभा सांसद अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के नाम बढ़ाये जा सकते है. खास बात है कि राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और कई विधायक पिछले दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. बीजेपी के संसदीय बोर्ड की नौ मार्च को दिल्ली में होने वाली बैठक में भी उत्तराखंड के मसले पर विचार होने की संभावना है.
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दिल्ली में जेपी नड्डा और अमित शाह के सामने रखेंगे रावत आज अपनी बात
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण का दौरा रद्द कर दिया है. ताकि वह दिल्ली पहुंचकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर राज्य के हालात पर अपना पक्ष रख सकें. सूत्रों का कहना है कि देहरादून में भाजपा नेतृत्व की तरफ से बीते शनिवार को भेजे गए दोनों ऑब्जर्वर ने कई विधायकों के साथ अलग से बैठक की थी. इस दौरान विधायकों ने बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतत्व में चुनाव लड़ने पर नुकसान हो सकता है. सरकार में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने के कारण जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही है, जिससे जनता में भी नाराजगी है. ऑब्जर्वर्स ने ये रिपोर्ट बीजेपी नेतृत्व को सौंप दी है.
उत्तराखंड बीजेपी का एक धड़ा रावत के खिलाफ
उत्तराखंड में भाजपा से जुड़े एक नेता ने कहा, 'अगले वर्ष 2022 में चुनाव है. कई विधायकों की नाराजगी के कारण वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चुनाव लड़ना खतरे से खाली नहीं माना जा रहा है. हालांकि पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में जरूर लगा है. ऑब्जर्वर की रिपोर्ट पर बीजेपी नेतृत्व को आगे का फैसला करना है. चेहरा नहीं बदला तो मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होना तय माना जा रहा.' बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ कई मंत्रियों और विधायकों के मोर्चा खोलने के बाद बीजेपी आलाकमान ने शनिवार को दो केंद्रीय नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर देहरादून भेजा था.
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दो पर्यवेक्षकों ने दे दी अपनी रिपोर्ट
इन दो पर्यवेक्षकों ने राज्य के 4 बीजेपी सांसदों और 45 विधायकों के साथ बैठक कर चर्चा की थी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत,सांसद अजय भट्ट, माला राजलक्ष्मी शाह, धन सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, प्रदेश बीजेपी संगठन महामंत्री अजय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार मौजूद रहे थे. इस सियासी हलचल के बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि मुख्यमंत्री को बदला जा सकता है. पूर्व सीएम विजय बहुगुणा बैठक में काफी देर से पहुंचे, जिसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने उनसे अलग से मुलाकात की थी.
HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड बीजेपी में सीएम रावत के खिलाफ हुआ बीजेपी का एक धड़ा
- केंद्रीय पर्यवक्षेकों ने बीजेपी नेताओं से चर्चा के बाद सौंपी रिपोर्ट
- सीएम रावत को किया गया दिल्ली तलब, नए चेहरों पर भी चर्चा