उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर से किया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि केंद्र के 10% आरक्षण के फैसले से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत लाभ मिलेगा. इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए रावत ने कहा कि यह सबका साथ, सबका विकास के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है.
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, 'नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के अंबेडकर हैं. वह खुद गरीब माता-पिता के बेटे हैं और उन्होंने समाज के सभी वर्गों के गरीबों के बारे में सोचा.'
उन्होंने ये भी कहा कि देशभर में लंबे वक्त से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की जा रही थी. उन्हें इस फैसले से बहुत लाभ होने जा रहा है. सीएम रावत के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में भूचाल आ गया है और पार्टियों के दलों ने इस पर बयानबाजी शुरू कर दी है.
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बता दें कि आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण देने वाला विधेयक संविधान (124 संशोधन) बिल 2019, 323 मतों के साथ लोकसभा में पास हो गया है. बुधवार को राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किया जाएगा.
पीएम मोदी ने इस बिल के लोकसभा में पास होने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, 'यह भारत के इतिहास के लिए एक युगांतकारी क्षण है. यह प्रक्रिया समाज के सभी वर्ग के लोगों के बीच समानता लाने के लिए एक प्रयास है.'
Source : News Nation Bureau