उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य में पानी से संबंधित खेलों जैसे रिवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग खेलों पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने यह प्रतिबंध तब तक के लिए लगाया है जब तक की त्रिवेंद्र सरकार जल खेलों को लेकर एक मजबूत नीति न तैयार कर ले।
अदालत ने कहा कि यह देखने में आया है कि पानी से जुड़े खेलों को लेकर कोई नीति न होने के कारण इसका आयोजन अवैध तरीके से हो रहा है।
अदालत की दो सदस्यीय बेंच ने राज्य सरकार को नीति बनाने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। अदालत ने एक पत्रकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए 18 जून को नीति तैयार करने का आदेश दिया।
याचिका में कहा गया है कि सरकार निजी कंपनियों को पानी से जुड़े खेलों के संचालन के लिए अवैध रूप से लाइसेंस जारी कर रही है।
अपने आदेश में अदालत ने कहा है कि सरकार को पानी से जुड़े खेलों को लेकर एक जैसी दर तय करनी चाहिए और इसको लेकर टेंडर मंगाया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा,' अवैध गतिविधियों पर रोकथाम को लेकर राज्य सरकार अपने कर्तव्यों से मुंह नहीं मोड़ सकती। रिवर रॉफ्टिंग एक गंभीर खेल है और बिना सुरक्षा इंतजाम के पैराग्लाइडिंग के खेल भी खतरनाक होता है। टिहरी बांध जैसे बड़े जलक्षेत्र में पानी से जुड़े खेलों के आयोजन से स्थिती भयावह हो सकती है। इसे नियमित करने की जरूरत है।'
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पर्यटकों की ओर से नदी के अंदर और किनारे पिकनिक मनाते हुए तस्वीरों को देखने के बाद अदालत ने कहा कि नदियों की स्वच्छता को बनाए रखने की जरूरत है। इस तरह की गतिविधियां नदी और आस-पास के क्षेत्रों के पर्यावरण और पारिस्थितिकी को प्रदूषित करती हैं।
कोर्ट ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए लेकिन इसे नियमित करने की आवश्यकता है। आनंद के लिए खेल को आपदा में परिवर्तित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
राज्य सरकार की ओर से अपनी नीति तैयार करने के बाद इन खेलों को फिर से शुरू कर दिया जायेगा।
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Source : News Nation Bureau