भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कांग्रेस मुक्त भारत अभियान की कड़ी में सोमवार को दांव पर लगी है पुडुचेरी की वी नारायणसामी (V Narayanasamy) सरकार. किरण बेदी के हटाए जाने के बाद उपराज्यपाल बनीं तमिलिसाई सौंदरराजन (Tamilisai Soundararajan) के निर्देशानुसार सोमवार को मुख्यमंत्री नारायणसामी को सदन में बहुमत साबित करना है. हालांकि पांच कांग्रेस (Congress) विधायकों और एक द्रमुक विधायक के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी के लिए सरकार बचा पाना खासा मुश्किल लग रहा है. इस तरह देखा जाए तो कर्नाटक (Karnataka) का नाटकीय राजनीति वाला घटनाक्रम यहां भी दोहराता प्रतीत हो रही है. अगर कांग्रेस को इस राज्य से हाथ धोना पड़ता है, तो उसके खाते में महज तीन राज्य ही बचेंगे. इससे इतर दो राज्यों में वह गठबंधन सरकार में है.
नारायणस्वामी ने बनाई फ्लोर टेस्ट से पहले रणनीति
कांग्रेस के अस्तित्व के लिहाज से अहम फैसले के पहले रविवार की शाम मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के घर पर पार्टी और सहयोगी दलों की मीटिंग हुई. फ्लोर टेस्ट की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री विधानसभा पहुंचे और कांग्रेस विधायकों के साथ मीटिंग की और सरकार बचाने की रणनीति पर चर्चा की. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वी नारायणसामी ने कहा कि कांग्रेस और द्रमुक के विधायकों और सांसदों के साथ अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ मीटिंग हुई है और सोमवार को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए रणनीति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हमने सदन में ही अपनी रणनीति का खुलासा करने का फैसला किया है.
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लक्ष्मीनारायणन ने दिया कांग्रेस को पांचवां झटका
इस बीच पुडुचेरी में राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़ी उठा-पटक के बीच कांग्रेस पार्टी के एक और विधायक ने रविवार को अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को सौंप दिया. चार बार के विधायक रहे कांग्रेस नेता के लक्ष्मीनारायणन ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि पार्टी और संगठन में उनकी 'कद्र' नहीं है और जल्द ही वे कांग्रेस छोड़ देंगे. बता दें कि 17 फरवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे से पहले पुडुचेरी में उनकी पार्टी के 4 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद नारायणसामी की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे. लक्ष्मीनारायणन कांग्रेस के पांचवें विधायक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है. कांग्रेस विधायक लक्ष्मीनारायणन के इस्तीफे के बाद ही पुडुचेरी के डीएमके विधायक के वेंकटेशन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
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कांग्रेस ने सदन में खोया बहुमत
लक्ष्मीनारायणन के इस्तीफा देने के बाद 27 सदस्यों वाली पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 13 हो गई है और पार्टी अपना बहुमत खो चुकी है. लक्ष्मीनारायणन ने एक निजी टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में कहा, 'वरिष्ठ नेता होने के बावजूद मुझे मंत्री नहीं बनाया गया. सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी अपना बहुमत खो चुकी है और मौजूदा संकट के लिए मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.' रिपोर्ट्स के मुताबिक एनआर कांग्रेस और बीजेपी ने लक्ष्मीनारायणन से संपर्क किया है. उन्होंने कहा, 'अपने समर्थकों से बातचीत के बाद मैं अपनी योजना के बारे में ऐलान करूंगा.' पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने विपक्ष की मांग पर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को सोमवार को बहुमत साबित करने को कहा है. ऐसे में पुडुचेरी की मौजूदा कांग्रेस सरकार गिरते ही राज्य में अगले तीन महीनों के लिए राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना प्रबल हो गई है. गौरतलब है कि केंद्रशासित प्रदेश में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं.
HIGHLIGHTS
- उपराज्यपाल के निर्देश पर नारायणस्वामी को देना है फ्लोर टेस्ट
- कांग्रेस के 5 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार अल्पमत में
- कांग्रेस सरकार गिरने पर राज्य में लग सकता है राष्ट्रपति शासन