केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि भारत के बाहर विकसित कोविड-19 टीकों को भारत की आबादी में उनकी सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मकता को साबित करने के लिए कई अध्ययनों में से होकर गुजरना पड़ेगा. उन्होंने अपने साप्ताहिक वेबिनार संडे संवाद में कहा, "हम देश में कोविड-19 के कुछ टीकों की व्यवहारिकता का आकलन करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं. हालांकि ये सभी टीके, जो भारत के बाहर नैदानिक परीक्षणों में सुरक्षित, प्रतिरक्षात्मक और प्रभावी साबित हुए हैं, भारत की जनसंख्या में उनकी सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का पता लगाने के लिए उन्हें कई अध्ययनों में से गुजरना होगा."
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे यह भी कहा, "ये अध्ययन बेहद छोटे पैमाने पर किए जाते हैं और इनमें ज्यादा वक्त भी नहीं लगता है. देश के बाहर विकसित हो रहे कोविड-19 के टीकों के लिए यही एक समान रवैया अपनाया जाएगा."कोविड-19 के कई टीकों पर परीक्षण की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश करने जा रही है और इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री ने अपना बयान दिया है.भारत में तीन संभावित टीकों पर काम चल रहा है, जिनमें कोविशिल्ड भी शामिल है. इसे संयुक्त रूप से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट और फार्मा की दिग्गज कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया जा रहा है.
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