कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि वो सबको साथ लेकर चलते थे और पहले सत्तारूढ़ दल एवं विपक्ष के बीच वह दूरी नहीं दिखाई देती थी जो आज दिखाई देती है। वाजपेयी की याद में दिल्ली में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में आजाद ने कहा कि वाजपेयी ने सभी विचारधाराओं के नेताओं को साथ लाने का काम किया और यहां तक कि उनके निधन के बाद भी यह दिखा।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने पी वी नरसिंह राव की सरकार में अपने संसदीय कार्य मंत्री रहने के दौरान वाजपेयी से जुड़ी यादों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि वह उस वक्त के नेता प्रतिपक्ष वाजपेयी से अक्सर मिला करते थे।
नरेंद्र मोदी सरकार और विपक्ष के बीच के मौजूदा समय के रिश्तों की ओर इशारा करते हुए आजाद ने कहा, 'आज जो दूरी हम देख रहे हैं वो उस वक्त नहीं था।' कांग्रेस नेता ने कहा कि जितना नजदीक से उन्होंने वाजपेयी को देखा, शायद बीजेपी के बहुत सारे नेताओं ने नहीं देखा होगा।
वहीं बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रार्थना सभा में उन्हें याद करते हुए कहा कि मैने जीवन में अनेक सभाएं संबोधित की है लेकिन आज जैसी सभा कभी संबोधित करूंगा ये कल्पना कभी मेरे मन में नहीं थी (जब अटल जी मेरे साथ नहीं होंगे)। मेरी अटल जी से 65 साल की मित्रता रही है मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि इतने दिनों तक हम दोनों के बीच मित्रता कायम रही।
उन्होंने कहा, 'अटल जी भोजन बहुत अच्छा पकाते थे, वे चाहे खिचड़ी ही सही। मैंने अटल जी से बहुत कुछ पाया है, अटल जी की गैरमौजूदगी में बोलने पर मुझे बहुत दुख हो रहा।'
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अपने साथ के अनुभवों को बताते हुए आडवाणी ने कहा कि हम साथ में सिनेमा देखते थे, हमने बहुत कुछ अटल जी से सीखा और पाया। इसीलिए दुख होता है कि वो हमें छोड़कर, हमसे अलग हो गए। अटल जी ने जो कुछ हमें सिखाया, जो कुछ दिया, उसे हम ग्रहण करें।
Source : News Nation Bureau