कश्मीर में हालात खराब, 1989 से पहले जैसा माहौल घाटी में बनाना बेहद जरूरी: जनरल बिपिन रावत

जुलाई 1988 के बाद से कश्मीर में भारत सरकार के दफ्तरों के सामने ना केवल विरोध-प्रदर्शन हुए बल्कि उन्हें निशाना बनाकर हमला भी किया गया था।

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kunal kaushal
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कश्मीर में हालात खराब, 1989 से पहले जैसा माहौल घाटी में बनाना बेहद जरूरी: जनरल बिपिन रावत

भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत (फाइल फोटो)

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भारतीय आर्मी के नए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आर्मी डे पर आयोजित अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'अभी कश्मीर घाटी में हालात ठीक नहीं हैं और हमें कश्मीर घाटी में 1989 से पहले जैसा माहौल दोबारा बनाना होगा जहां सभी लोग सदभाव के साथ रहते थे।'

1987 में कश्मीर में हुए चुनाव को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। जुलाई 1988 के बाद से कश्मीर में भारत सरकार के दफ्तरों के सामने ना केवल विरोध-प्रदर्शन हुए बल्कि उन्हें निशाना बनाकर हमला भी किया गया था।

इसके बाद 90 के दशक की शुरुआत हुई जब कश्मीर के हालात पूरी तरह बदल चुके थे। कश्मीरी युवाओं ने बड़ी संख्या में नियंत्रण रेखा पार किया और वहां हथियारों का प्रशिक्षण लेकर वापस लौट आए। इसके बाद कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हुई ।

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रावत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए ये जरूरी है कि सीमा पर पाकिस्तान के साथ शांति बनी रहे। रावत के मुताबिक अगर पाकिस्तान हमारी शांति और समझौते के सुझाव को मान ले तो सर्जिकल स्ट्राइक की नौबत कभी नहीं आएगी। लेकिन अगर पाकिस्तान हमारी बात नहीं मानता तो हम देश की सुरक्षा के लिए सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन आगे भी जारी रखेंगे।

आर्मी डे पर बिपिन रावत ने कहा, 'छद्म युद्ध, आतंकवाद और देश की सदभावना पर पड़ने वाले इसके असर को लेकर सेना भी चितिंत है। उन्होंने कहा हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। जो भी हमारे देश में लोगों के बीच के सदभाव को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, हमें मिलकर उन्हें खत्म कर देना चाहिए।'

कश्मीर के वर्तमान हालात पर जनरल रावत ने कहा कि कश्मीर में हाल के वर्षों में छद्म युद्ध के तरीकों में काफी बदलाव हुए हैं और वहां हालात काफी बदल गए हैं। वहां अब पढ़े लिखे लोग भी हथियार उठाने लगे हैं।

Source : News Nation Bureau

Kashmir valley Army Chief General Bipin Rawat Valley Situation
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