वंदे भारत एक्सप्रेस अपने पहले ही सफर में फेल हो गई. भारत में निर्मित देश की पहली सेमी-बुलेट ट्रेन ने रविवार को दिल्ली से वाराणसी का अपनी पहली वाणिज्यिक सफर पर निकली. इस खास टी-18 ट्रेन से लोगों का काफी उम्मीदें थीं, लेकिन ट्रेन ने सभी को निराश कर दिया. अपने पहले ही सफर में वंदे भारत एक्सप्रेस 1 घंटा 25 मिनट देरी से पहुंची. रविवार को ट्रेन सुबह 6 बजे दिल्ली से रवाना हुई थी. जिसे दोपहर के 2 बजे वाराणसी पहुंचना था. लेकिन दिल्ली में सुबह कोहरे की वजह से ही ट्रेन की धीमी शुरूआत रही. दिल्ली से कानपुर तक पहुंचने में ही यह 1 घंटा 12 मिनट लेट हो गई. ट्रेन की देरी आगे कहीं भी रिकवर नहीं हुई और इसी तरह ये प्रयागराज और वाराणसी भी देरी से ही पहुंची. दिल्ली से रवाना हुई ये ट्रेन 1 घंटा 25 मिनट की देरी के साथ 3 .25 बजे वाराणसी पहुंची.
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इतना ही नहीं, वापसी में भी ट्रेन की लेटलतीफी जारी रही. वाराणसी से दिल्ली के लिए चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 1 घंटा 20 मिनट की देरी से चली. वाराणसी से दिल्ली के लिए ट्रेन को दोपहर 3 बजे रवाना होना था, लेकिन देरी से आने की वजह से ये देरी से ही वापस भी गई. ट्रेन को शाम के 4.20 बजे वाराणसी से दिल्ली के लिए रवाना किया गया. ट्रेन की लेटलतीफी से यात्रियों को थोड़ी बहुत निराशा तो जरूर हुई, लेकिन नई-नवेली ट्रेन के पहले सफर में ज्यादातर लोगों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती थी. स्टेशनों पर ट्रेन के ठहरने का समय 2-3 मिनट का ही है, जिसकी वजह से कैटरिंग वाले ट्रेन से उतर ही नहीं पाए.
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गौरतलब है कि देश की पहली सेमी-बुलेट ट्रेन का पूरा निर्माण भारत में ही किया गया है. 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चलने वाली यह ट्रेन इंजनलेस है. ट्रेन में कई विश्वस्तरीय सुविधाएं है, जो इससे पहले किसी भी भारतीय ट्रेनों में नहीं थीं. वंदे भारत एक्सप्रेस में दो श्रेणी के कोच रखे गए हैं. चेयरकार के अलावा वंदे भारत एक्सप्रेस में एग्जीक्यूटिव क्लास भी है. दिल्ली से वाराणसी का वातानुकूलित कुर्सी यान टिकट 1760 रूपये होगा, एक्सक्यूटिव श्रेणी का टिकट 3310 रूपये है. लौटने में टिकट की कीमत 1700 और 3260 रूपये के होंगे. दोनों किरायों में कैटरिंग शुल्क शामिल है. कुर्सी यान का किराया शताब्दी ट्रेनों के किराए से 1.4 गुना ज्यादा है.
Source : Sunil Chaurasia