महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को माओवादी विचारक वरवर राव को गिरफ्तार किया। उनकी पत्नी ने बताया कि पुलिस ने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी का संबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के मामले से है। पुणे पुलिस की एक टीम ने क्रांतिकारी लेखक राव के घर की आठ घंटे तलाशी ली। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जिसने पुलिस को उन्हें बुधवार शाम पांच बजे तक पुणे की अदालत में पेश करने को कहा।
पुलिस ने राव के घर पर छापा मारने के साथ-साथ उनकी दो बेटियों, कुछ रिश्तेदारों और दो पत्रकारों समेत कुछ दोस्तों के घरों पर भी छापे मारे। यहां गांधीनगर स्थित राव के घर पर उस समय हल्के तनाव की स्थिति बन गई, जब राव के समर्थक इकट्ठा होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। स्थानीय पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया था।
महाराष्ट्र पुलिस ने राव के घर से कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं, जबकि उनके रिश्तेदारों के घर की तलाशी के दौरान एक लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अन्य सामग्री जब्त की गई है।
राव की पत्नी हेमलता ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने उन्हें बताया कि राव की गिरफ्तारी प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश के एक मामले के संदर्भ में की गई है।
हेमलता ने कहा कि सुबह करीब 20 की संख्या में पुलिसवाले बिना वारंट के पहुंचे और तलाशी शुरू कर दी। उन्होंने घर का कोना-कोना छान मारा। जब पुलिसवालों से गिरफ्तारी का वारंट दिखाने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि वारंट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पति ने पुलिस से कहा कि यह मामला झूठा है।
पुणे पुलिस ने जून में कथित तौर पर पांच लोगों में से एक व्यक्ति के घर से मोदी की हत्या की साजिश के उल्लेख वाला एक पत्र बरामद किया था। इन पांचों लोगों को भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था।
बरामद पत्र में कथित तौर पर प्रधानमंत्री की हत्या पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर करने की बात कही गई है। इस पत्र को लिखने वाले व्यक्ति की पहचान सिर्फ 'आर' के रूप में की गई।
इसमें साजिश को अंजाम देने के लिए एक एम-4 राइफल व चार लाख चक्र कारतूस खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत का जिक्र किया गया था। कहा जा रहा है कि इस पत्र में वरवर राव का नाम धन का इंतजाम करने वाले के रूप में शामिल है।
यह पत्र नक्सल नेता प्रकाश को संबोधित था और इसे मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन के पास से बरामद किया गया था, जब उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था।
वरवर राव क्रांतिकारी लेखकों के एक संगठन 'वीरासम' के अध्यक्ष हैं। राव ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा किइस मामले में गिरफ्तार सभी पांच लोग वंचितों की भलाई के लिए काम रहे थे और यह प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के घटते ग्राफ को संभालने के लिए किया गया।
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हेमलता ने कहा कि उनके पति को 1974 के बाद से 20-30 बार गिरफ्तार किया गया, लेकिन किसी भी मामले में वह दोषी नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब पुलिस उनके घर में घुसी और हर कमरे की उसने तलाशी ली।
Source : IANS