बीजेपी सांसद गोपाल चिन्नाया शेट्टी ने संसद के शीतकालीन सत्र में वीर सावरकर को भारत रत्न देने के बारे में सवाल पूछा. जिस पर सरकार ने कहा कि किसी को भारत रत्न देने के लिए अनुशंसा की जरूत नहीं होती है. बल्कि केंद्र सरकार जिसे चाहे उसे दे सकती है. भारत रत्न देने का फैसला समय-समय पर लिया जाता है. इसके लिए कोई औपचारिक सिफारिश की जरूत नहीं है.
लोकसभा में बीजेपी सांसद गोपाल चिन्नाया शेट्टी द्वारा पूछे गए अतारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने लिखित जवाब में कहा कि भारत रत्न के लिए सिफारिशें आती रहती हैं लेकिन इसके लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं है. सरकार भारत रत्न के संबंध में फैसला समय आने पर करती है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में बीजेपी ने स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) को भारत रत्न दिलाने का वादा किया था. हालांकि शिवसेना के अलग होने की वजह से महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार नहीं बन पाई. वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच कहा था कि उम्मीद है शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके दादा सावरकर को भारत रत्न मिले. रणजीत सिंह ने कहा था भले ही शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन बन जाए. लेकिन मुझे विश्वास है कि उद्धव ठाकरे हिंदुत्व और वीर सावरकर पर अपना रुख कभी नहीं बदलेंगे.
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गौरतलब है कि भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से इसके लिए संस्तुति करते हैं.
वीर सावरकर की पहचान एक राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर है. महाराष्ट्र में वीर सावरकर का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. वीर सावरकर को भारत रत्न देने को लेकर कांग्रेस विरोध करती है. वीर सावरकर पर गांधी की हत्या के साजिश के आरोप लगे थे.