कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने असंतुष्ट गुट G-23 के नेताओं से एक जुट रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि हम सत्ता में नहीं हैं, कांग्रेस नेताओं या कार्यकर्ताओं को घबराना नहीं चाहिए. मोइली ने कहा कि भाजपा और अन्य दल आएंगे और जाएंगे, यह कांग्रेस है जो यहां रहेगी. उन्होंने ये भी कहा कि हमें दलितों के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और उम्मीद नहीं खोनी चाहिए. वीरप्पा मोइली ने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी के भीतर सुधार चाहती हैं, लेकिन उनके आसपास के लोगों ने इसे तोड़ दिया है. G-23 नेता पार्टी आलाकमान को निशाना बना रहे हैं और कांग्रेस पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. मोइली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा ऐसी ही रहने वाली नहीं है. उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी की राजनीति खत्म होने के बाद भाजपा बिखर जाएगी.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि जब इन राजनेताओं को (यूपीए) सरकार में मंत्री बनाया गया था, तो क्या उन्होंने पूछा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को देखते हुए पद दिए जाने चाहिए? तब सब कुछ हंकी-डोरी था क्योंकि हम सत्ता में थे. राजनीतिक दल उतार-चढ़ाव देखते हैं, इसका मतलब विद्रोह करना नहीं है.
बता दें कि उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं के एक अलग गुट G-23 बन गया है, जो कांग्रेस आलाकमान से असंतुष्ट है. पिछले कई दिनों से G-23 के नेताओं की अलग-अलग बैठक चल रही है. G-23 में कपिल सिब्बल से लेकर गुलाम नबी आजाद तक शामिल हैं.