राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल सहित संविधान और कानून विशेषज्ञों से बातचीत की।
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राज्यसभा के सभापति जल्द ही विपक्षी पार्टियों के सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर फैसला कर सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने रविवार को हैदराबाद का दौरा किया और कांग्रेस के नेतृत्व में सात राजनीतिक पार्टियों के दिए नोटिस पर विचार-विमर्श किया।
अधिकारियों के मुताबिक, नायडू ने इस मुद्दे को लेकर पूर्व लोकसभा सेक्रेटरी जनरल सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पी के मल्होत्रा और पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह से बातचीत की।
उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा सचिवालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सलाह मशविरा की और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन से भी बातचीत की।
बीते शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू से मुलाकात कर सीजेआई दीपक मिश्रा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव सौंपा।
इस प्रस्ताव पर सात पार्टियों के 64 सांसदों के अलावा 7 पूर्व सांसदों (हाल ही में रिटायर हुए) के हस्ताक्षर थे।
दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी जनवरी महीने से ही की जा रही थी, जब सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर चीफ जस्टिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
12 जनवरी को चार न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन पर सही ढंग से कार्य नहीं करने का आरोप लगाया था। उन्होंने चीफ जस्टिस मिश्रा पर केसों के आवंटन को मनमाने तरीके से करने का आरोप लगाया था।
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HIGHLIGHTS
- वेंकैया नायडू ने रविवार को संविधान और कानून विशेषज्ञों से बातचीत की
- सात पार्टियों ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति को सौंपा था
- चीफ जस्टिस की कार्यप्रणाली और केसों के आवंटन पर SC जजों ने उठाए थे सवाल
Source : News Nation Bureau