'इंडिया आफ्टर नेहरू' के लेखक और वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 वर्ष की उम्र में बुधवार देर रात दिल्ली के अस्पताल में निधन हो गया। नैयर उम्र के आखिरी पड़ाव तक लेखन और पत्रकारिता के कार्य से जुड़े रहे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक प्रकट किया।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ' वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर हमारे समय के एक विशाल बुद्धिजीवी थे। उन्होंने कई वर्षों तक अपने क्षेत्र में साहस और निडरता के साथ काम किया था। देश उन्हें हमेशा अपातकाल के दौरान मजबूती से खड़े होने और बेहतर भारत की प्रतिबद्दता के लिए सामाजिक कार्यों के लिए याद रखेगा। उनकी मृत्यु पर मेरी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं।'
नैयर का अंतिम संस्कार आज एक बजे दिल्ली के लोधी रोड स्थित शमशान गृह में होगा। गौरतलब है कि आपातकाल के दौरान नैयर को सरकार के खिलाफ लेख लिखने के कारण जेल भी जाना पड़ा था।
नैयर ने कई किताबें भी लिखीं और उनकी आत्मकथा भी काफी चर्चित रही थी। उनकी आत्मकथा 'बियांड द लाइंस' अंग्रेजी में छपी थी। बाद में उसका हिंदी में अनुवाद, एक जिंदगी काफी नहीं नाम से प्रकाशित हुआ।
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उन्होंने इसके अतिरिक्त कई किताबें 'बिटवीन द लाइं,', 'डिस्टेंट नेवर : ए टेल ऑफ द सब कान्टिनेंट', ‘इंडिया आफ्टर नेहरू', ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप', 'इण्डिया हाउस' जैसी कई किताबें भी लिखीं।
नैयर 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे। 1990 में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के कारण 1997 में उन्हें राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया गया था। नैयर ने देश-विदेश के मशहूर अखबारों के लिए संपादकीय और लेख लिखे।
Source : News Nation Bureau