विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार एडवोकेट ने देश भर में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा है कि कई राज्यों के कानून तो ऐसे हैं, जहां मंदिरों की समितियों में एक भी हिंदू नहीं है. सिर्फ अफसर मंदिरों का संचालन कर रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद के शीर्ष नेता ने आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, "दक्षिण भारत ही नहीं बल्कि पश्चिम और उत्तर भारत के भी तमाम मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं. उत्तराखंड में भी यही हाल है. सरकार का काम मंदिर चलाना नहीं हो सकता. इस नाते ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें पारदर्शिता हो.
मंदिरों का नियंत्रण और नियमन सरकार न करे, इसमें श्रद्धालुओं की भूमिका हो. आलोक कुमार ने कहा कि मौजूदा सरकार संवेदनशील है. आगे चलकर मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने की आस है. इसके लिए राज्य सरकारों को खुद पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारों के लिए भी एक अलग व्यवस्था है, वक्फ बोर्ड में भी ऐसी व्यवस्था है. ऐसे में मंदिरों के संचालन में श्रद्धालुओं की भागीदारी होनी चाहिए. कई राज्यों में मंदिरों को चलाने वाली समिति में एक भी श्रद्धालु नहीं है. आलोक कुमार ने तमिलना़डु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों के प्रसिद्ध मंदिरों के सरकारी स्तर से संचालन और खजाने के उपयोग पर असंतोष जाहिर किया.
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के निर्माण में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी. विश्व हिंदू परिषद चार लाख गावों के 11 लाख परिवारों और 55 करोड़ लोगों से संपर्क कर मंदिर के लिए धनराशि एकत्र करेगा. विहिप ने राम मंदिर ट्रस्ट को सहयोग का आश्वासन दिया है. राम मंदिर के लिए चंदे के सवाल पर आलोक कुमार ने कहा, "किसी ने मुझे सुझाव दिया था कि मंदिर के लिए सारा पैसा वह अकेले देंगे. तो मैंने कहा कि इससे लोग उसे आपका मंदिर जानेंगे राम मंदिर नहीं. इसलिए सभी भारतीयों से आर्थिक सहयोग लेकर ही मंदिर का निर्माण होगा."
Source : IANS