वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को मार्च के आखिर में अगले नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी देने की घोषणा की गई थी. वह नौसेना प्रमुख सुनील लांबा की जगह लेंगे, जो 31 मई 2019 को रिटायर होने वाले हैं. हालांकि देश के अगले नौसेना प्रमुख के तौर पर वाइस एडमिरल करबीर सिंह को नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दी गई है. वाइस एडमिरल विमल वर्मा ने इसे कोर्ट में चुनौती दी है.
वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने अपनी याचिका में कहा कि सरकार ने उनकी वरीयता की अनदेखी कर उनके जूनियर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को देश के अगले नौसेना प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया है. नौसेना में वाइस एडमिरल बिमल वर्मा का कार्यकाल सर्वाधिक लंबा है, लेकिन इसकी अनदेखी करते हुए सरकार ने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को देश के अगले नौसेना प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया.
बता दें यह इस तरह का दूसरा मौका है, जब केंद्र सरकार ने वरीयता की अनदेखी करते हुए सैन्य सेवा के प्रमुख की नियुक्ति की है. इससे पहले 2016 में भी सरकार ने वरीयता की अनदेखी करते हुए जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख बनाया था. देश के अगले नौसेना प्रमुख के तौर पर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह की नियुक्ति के ऐलान के बाद से ही वाइस एडमिरल बिमल वर्मा नाराज बताए जा रहे थे.