वेंकैया नायडू ने शनिवार को गोपालकृष्ण गांधी के खिलाफ उप-राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद कहा कि राज्यसभा के सभापति के रूप में वह निर्भय और निष्पक्ष होकर सदन की कार्यवाही का संचालन करने, और सभी सदस्यों की मदद से उसकी मर्यादा व शिष्टाचार को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।
नया उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद नायडू ने कहा, 'राज्यसभा के सभापति के रूप में मैं निर्भय और निष्पक्ष होकर सदन का कामकाज संचालित करने की ईमानदार कोशिश करूंगा। मैं सदन के कामकाज के नियमों और संकल्पों के अनुसार काम करूंगा और सभी सदस्यों के सहयोग से सदन की मर्यादा को बनाए रखूंगा।'
उन्होंने कहा कि वह इस बात की कोशिश करेंगे कि ऊपरी सदन का हर सदस्य देश के सामने खड़े मुद्दों को सुलझाने की दिशा में अर्थपूर्ण योगदान करे। नायडू 10 अगस्त को हामिद अंसारी का स्थान लेंगे। उन्होंने कहा, 'भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित कर मुझे जो सम्मान मिला है, उसके लिए मैं अभिभूत हूं।' इस निर्वाचन के जरिए वह राज्यसभा के सभापति भी होंगे।
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नायडू ने साथ ही कहा, 'खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अन्य कई पार्टियों के नेताओं के आभारी हैं, जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी देने का विचार किया।'
उन्होंने कहा, 'मैं संसद के सम्मानित सदस्यों के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने मुझपे भरोसा जताया और यह जिम्मेदारी मुझे सौंपी।'
वेंकैया ने कहा कि वह इस बात से अभिभूत हैं कि एक आम आदमी को यह सम्मान प्राप्त हुआ है, क्योंकि 'मेरी जड़ें एक सामान्य किसान परिवार से जुड़ी हुई हैं।'
वेंकैया ने कहा, 'यह हमारे संसदीय लोकतंत्र की सुंदरता और क्षमता की बात करता है। संसद हमारे लोकतांत्रिक राजनीति का सर्वोच्च मंच हैं, जो जन जीवन की बेहतरी के लिए आवश्यक विधायी उपायों के जरिए हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए है।'
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HIGHLIGHTS
- वेंकैया नायडू ने गोपालकृष्णा गांधी को 272 वोटों से हराया
- जीत के बाद वेंकैया नायडू ने कहा- निर्भय और निष्पक्ष होकर करेंगे राज्यसभा का संचालन
- 'मेरी जड़ें एक सामान्य किसान परिवार से, मैं एक आम आदमी'
Source : IANS