तेज़ी से कोरोना के मामलों के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है कि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) भी कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं. इस बात की जानकारी वाइस प्रेज़िडेंट ऑफ इंडिया का ट्विटर हैंडल से दी गई है. ट्वीट में कहा गया कि उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू आज कोविड टेस्ट रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए. वे आजकल हैदराबाद में हैं. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्होंने खुद को एक हफ्ते के लिए आइसोलेट रखने का फैसला किया है.
वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम में एक कम्मू परिवार में हुआ था. उन्होंने वी.आर. हाई स्कूल, नेल्लोर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और वी.आर. कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक किया. वे स्नातक प्रतिष्ठा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुये. तत्पश्चात उन्होंने आन्ध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की. 1974 में वे आंध्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुये. कुछ दिनों तक वे आंध्र प्रदेश के छात्र संगठन समिति के संयोजक भी रह चुके हैं.
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वेंकैया नायडू की पहचान हमेशा एक 'आन्दोलनकारी' के रूप में रही है. वे 1972 में 'जय आन्ध्र आन्दोलन' के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए. उन्होंने इस दौरान नेल्लोर के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुये विजयवाड़ा से आंदोलन का नेतृत्व किया. छात्र जीवन में उन्होने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से प्रभावित होकर आपातकालीन संघर्ष में हिस्सा लिया. वे आपातकाल के विरोध में सड़कों पर उतर आए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा. आपातकाल के बाद वे 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे. वर्ष 2002 से 2004 तक उन्होने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का उतरदायित्व निभाया. वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे और नरेन्द्र मोदी की सरकार में वे भारत सरकार के अंतर्गत शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय कार्य मंत्री रहे.11 अगस्त 2017 को वे भारत के उपराष्ट्रपति चुने गये.