कोरिया युद्ध के 70 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया. उन्होंने दक्षिण कोरियाई लोगों को शुभकामनाएं दीं. कोरियाई युद्ध के प्रकोप की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक समारोह में सियोल में यह संदेश प्रसारित किया गया. पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि इस खास मौके पर मैं उन सभी वीरों को सलाम करता हूं जिन्होंने कोरिया में शांति बनाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी.
पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप में 60 पैरा फील्ड अस्पताल को भारत ने बनाया था जिसका उसे गर्व है. मैं कोरियाई प्रायद्वीप में शांति को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति मून जे-इन द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना करता हूं.
कोरियाई युद्ध में भारत की भूमिका
भारत के अनथक प्रयास के बावजूद दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया को जून 1953 में साथ लाना संभव हो पाया. भारतीय राजदूत और कोरिया संबंधी संयुक्तराष्ट्र संघ के कमीशन के अध्यक्ष के.पी.एस.मेनन द्वारा तैयार फार्मूले के अनुसार युद्धबंदी पर सहमति हुई और लड़ाई में बंदी बनाए गए सैनिकों की अदला-बदली का फार्मूला तैयार हो सका. जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ और स्टालिन की मृत्यु के बाद सोवियत गुट ने स्वीकार किया. भारतीय जनरल थिमैय्या की अध्यक्षता में निष्पक्ष देशों का रिहाई कमिशन बनाया गया. उनकी देखरेख में तैयार भारतीय "देखरेख दल" ने सैनिकों की रिहाई का कठिन कार्य अपने हाथों में लिया.
मोबाइल मिलिट्री एंबुलेंस भारत ने दी थी
दोनों देशों के युद्ध में भारत ने दक्षिण कोरिया को सैनिक सपोर्ट की जगह मेडिकल सपोर्ट किया था. भारतीय सैनिकों ने दक्षिण कोरियाई सैनिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी थी. इसी को देखते हुए पहले भारतीय पैरा कमांडो एजी रंगराज को कोरियाई वार हीरो सम्मान दिया गया. उन्होंने 627 जवानों के एक प्लाटून का नेतृत्व किया था. सियोल के कोरियन वार मेमोरियल में उनकी एक बड़ी तस्वीर लगाई जाएगी.
Source : News Nation Bureau