नागरिकता संशोधन कानून (CAA) आज लागू हो गया है. इसकी वजह से देश की राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. दिल्ली पुलिस की रिजर्व फोर्स ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शहर के कई मुस्लिम इलाकों में बड़ी संख्या में फ्लैग-मार्च निकाला. फ्लैग मार्च निकाले जाने का उद्देश्य, यह संदेश देना है कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. किसी भी तरह के उपद्रव मचाने वाले शख्स पर कड़ी कार्रवाई होगी. वर्ष 2019 में नागरिकता संशोधन कानून पास होने के बाद मुस्लिम समाज ने इसका विरोध भी जताया था. इस दौरान राजधानी में बड़े स्तर पर दंगे भी हुए थे.
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सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पैनी नजरें
दिल्ली पुलिस की साइबर विंग सीएए लागू होने के बाद सतर्क हो गई है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देश भर की सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की पैनी नजरें हैं. CAA लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर एंटी इंडिया प्रोपेगैंडा न फैले इस पर नजर रखी जा रही है. झूठी और भ्रामक पोस्ट को शेयर करने से रोका जा रहा है. इसके तहत दिल्ली एनसीआर सहित देश भर की इंटेलिजेंस विंग अलर्ट मोड में है. सुरक्षा एजेंसियां किसी तरह की झूठी अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी में है. संदिग्ध लोगों पर एजेंसियों की पैनी नजर बनी हुई है.
भ्रम की स्थिति फैलाने में लगे
दरअसल, मुस्लिम समाज के बीच कुछ लोग यह भ्रम की स्थिति फैलाने में लगे हुए हैं कि इस कानून से किसी की नागरिकता छीनी जा सकती है. मगर यह सच बिल्कुल नहीं है. इस कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले अल्पसंख्यक लोगों को देश की नागरिकता देनी है. इसमें तीनों मुस्लिम ही देश हैं. ऐसे में CAA कानून के तहत यहां रह रहे गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. सीएए लागू होने के बाद से वर्ष 2019-20 में पूर्वी दिल्ली में सीएए के विरुद्ध बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे. इन दंगों में बड़ी संख्या मं लोगों की जानें गई थीं.
Source : News Nation Bureau