सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को अवमानना के आरोप में चार माह जेल की सजा सुनाई है. वहीं 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, "पर्याप्त सजा जरूरी है. माल्या ने कोई पछतावा नहीं दिखाया." सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के परिवार के सदस्यों को कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए उन्हें हस्तांतरित 40 मिलियन अमरीकी डालर वापस करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस यूयू ललित, एस रवींद्र भट और पीएस नरसिम्हा शामिल थे. उन्होंने 10 मार्च को इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
विभिन्न पहलुओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र जयदीप गुप्ता को सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने वकील को अनुमति देने का भी निर्णय लिया था. ये पहले माल्या का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, यदि कोई हो तो 15 मार्च तक लिखित प्रस्तुतियां दाखिल करें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसने माल्या को व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के कई अवसर दिए हैं और पिछले साल 30 नवंबर को विशेष निर्देश दिए थे. भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक संघ ने शीर्ष कोर्ट का रुख किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि माल्या 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के ऋण के पुनर्भुगतान पर अदालत के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है.
यह भी आरोप लगाया गया था कि वह संपत्ति का खुलासा नहीं कर रहा था. माल्या को 2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया था. शीर्ष अदालत ने 2020 में माल्या की 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. इसमें उन्हें अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को 40 मिलियन अमरीकी डालर हस्तांतरित करने के लिए अवमानना का दोषी ठहराया गया था.
HIGHLIGHTS
- अवमानना के आरोप में चार माह जेल की सजा सुनाई है
- 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है
- हस्तांतरित 40 मिलियन अमरीकी डालर वापस करने का आदेश दिया है