कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने माल्या की बात की तस्दीक करते हुए कहा है कि उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और विजय माल्या को संसद के सेंट्रल हॉल में एक-दूसरे से बातचीत करते हुए देखा था. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए कहा कि अगर उस दिन की फुटेज निकाली जाए तो सारी बातें स्पष्ट हो जाएगी.
गुरुवार दोपहर पीएल पुनिया ने प्रेस कॉफ्रेंस करते हुए कहा, '28 फरवरी को बज़ट पास हुआ था और ठीक उसके एक दिन बाद यानी कि एक मार्च को मैने माल्या और जेटली को बात करते हुए दिखा. शुरुआत के 5-7 मिनट दोनो खड़े होकर बात करते रहे, बाद में दोनों एक बेंच पर बैठकर बात करने लगे. यह बातचीत तकरीबन 15-20 मिनट हुई. इसके अगले ही दिन माल्या के देश छोड़कर भागने की ख़बर आई. माल्या उस दिन पहली बार संसद आए थे, मुझे लगता है कि वह जेटली से ही बात करने आए थे.'
गौरतलब है कि बुधवार को शराब कारोबारी विजय माल्या ने बताया कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाक़ात की थी. लंदन की अदालत में पेश होने पहुंचे माल्या से जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या उसे देश से भागने के लिए आगाह किया गया था, उसने कहा, 'मैं भारत से रवाना हुआ क्योंकि मेरी जिनिवा में एक मुलाकात का कार्यक्रम था. रवाना होने से पहले मैं वित्त मंत्री से मिला था और निपटारे (बैंकों के साथ मुद्दे) की पेशकश दोहराई थी. यही सच्चाई थी.'
वहीं वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के नाते मिले विशेषाधिकार का 'दुरुपयोग' करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था.
I saw both Arun Jaitley and Vijay Mallya having a discussion in the Central Hall of the Parliament. This can be can verified with CCTV footage from that day: PL Punia, Congress pic.twitter.com/eltNNKizfs
— ANI (@ANI) September 12, 2018
माल्या ने मंत्री का नाम लिए बगैर यह कहा
धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे 62 वर्षीय माल्या अपने प्रत्यर्पण के एक मामले के सिलसिले में अदालत पहुंचे थे. किंगफिशर एयरलाइन के मालिक रहे माल्या ने अदालत में चल रहे अपने प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के दौरान भोजनावकाश के दौरान सिगरेट का कश लेते हुए कहा , 'मैंने पहले भी कहा था कि मैं एक राजनीतिक फुटबॉल हूं. इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता. मेरी अंतरात्मा साफ है और मैंने लगभग 15,000 करोड़ रूपये की संपत्ति कर्नाटक उच्च न्यायालय की मेज पर रख दी थी.'
यह एयरलाइन अब बंद हो चुकी है
माल्या ने कहा कि मीडिया को बैंकों से यह पूछना चाहिए कि रकम का भुगतान करने की कोशिशों में वे (बैंक) उसकी सहायता क्यों नहीं कर रहे हैं. शराब कारोबारी ने कहा, 'मैं निश्चित रूप से बलि का बकरा हूं, मैं बलि का बकरा जैसा महसूस कर रहा हूं. दोनों ही राजनीतिक दल मुझे पसंद नहीं करते.'
माल्या ने मुंबई के आर्थर रोड जेल स्थित बैरक 12 के वीडियो का व्यंग्यपूर्ण लहजे में जिक्र करते हुए उसे बहुत ही प्रभावशाली बताया. दरअसल, इसे उसके लिए ही बनाया गया है.
संवाददाताओं के सवालों पर उसने कहा, 'मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी, आप अदालत में सबकुछ सुन रहे हैं.'
माल्या पिछले साल अप्रैल में अपनी गिरफ्तारी के बाद से एक प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर है. वह 9,000 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों को लेकर भारत प्रत्यर्पित किए जाने का एक मुकदमा लड़ रहा है.
प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई लंदन की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुई थी.
जेटली से माल्या की मुलाकात पर विपक्षी पार्टियों का मोदी सरकार पर हमला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माल्या के 'अत्यंत गंभीर आरोपों' की स्वतंत्र जांच के आदेश तुरंत देने चाहिए और जेटली को जांच जारी रहने के दौरान अपना पद छोड़ देना चाहिए.
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माल्या की ओर से किए गए खुलासे को 'बिल्कुल चौंकाने वाला' करार दिया और सवाल किया, 'वित्त मंत्री ने अब तक इस सूचना को छुपाए क्यों रखा?'
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी के देश छोड़कर जाने से पहले उससे मिलते हैं. विजय माल्या के देश छोड़कर जाने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं. इन बैठकों में क्या पकाया जा रहा था? जनता यह जानना चाहती है.'
बीजेपी के पूर्व नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि न सिर्फ वित्त मंत्री जेटली बल्कि पूरे बीजेपी नेतृत्व को माल्या से अपने संबंधों पर बेदाग सामने आना चाहिए.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'माल्या ने दो चीजें कही हैं. पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी. इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए. व्यापक स्पष्टीकरण आना चाहिए और व्यापक जांच होनी चाहिए.' उन्होंने सवाल किया, 'जब बैंकों को मालूम था, वित्त मंत्रालय को मालूम था, पूरी सरकार को मालूम था और माननीय प्रधानमंत्री को मालूम था कि माल्या पर इतना बड़ा कर्ज बकाया है. ऐसे में उसे देश से बाहर क्यों जाने दिया गया. यह बुनियादी सवाल है जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है.'
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि माल्या के भारत से भागने के वाकये ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि कर दी कि मोदी सरकार 'बड़े डिफॉल्टरों को जनता के पैसे लूट कर भागने देती है. असल मुद्दा यह है कि लुकआउट नोटिसों के बाद भी वह कैसे भाग गया?'
आरेजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि समूची मोदी सरकार घोटालेबाजों और भगोडों से 'मिली हुई है.'
तेजस्वी ने एक ट्वीट में कहा, 'उन्होंने हजारों करोड़ रुपए लूटने की साजिश रची. प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए.'
Source : News Nation Bureau