विजय माल्या ने अपनी भारत वापसी को लेकर चल रहे अफ़वाहों पर रोक लगाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर जज चाहें तो वो भारत वापस आ सकते हैं। लंदन के केन्निंगटन में ओवल के बाहर मीडिया से बात करते हुए माल्या ने कहा, 'जज तय करेंगे।' बता दें कि शराब कारोबारी विजय माल्या पर बैंक से करीब 9,000 करोड़ रुपये लोन लेकर भागने का आरोप है। हालांकि बताया जा रहा है कि भारत सरकार माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन के साथ बातचीत कर रहा है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि 20 और 21 फरवरी को दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में दोनों पक्षों की ओर से इन मामलों में कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। दोनों देशों ने प्रत्यर्पण के अनुरोध पर विचार किया और कानूनी पक्षों में आपसी सहयोग पर विचार किया गया।
#WATCH: Vijay Mallya when asked if he will go back to India says, "judge will decide," outside The Oval in London's Kennington. pic.twitter.com/CmJY6YU9Um
— ANI (@ANI) September 8, 2018
गौरतलब है कि इससे पहले विजय माल्या ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र का खुलासा करते हुए कहा है कि वो सभी बैंकों के कर्ज़ चुकाने को तैयार है लेकिन इसमें उसे न्यापालिका की मदद चाहिए।
माल्या ने कहा कि कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि इस पत्र का ज़िक्र अब क्यों? मैं बता दूं कि मैंने 22 जून 2018 को कर्नाटक हाईकोर्ट में बयान दर्ज़ कर कहा था कि मैं अपनी संपत्ति बेच कर बैंक के सभी कर्ज़ चुकाना चाहता हूं।
माल्या ने आगे कहा, 'हमने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वो न्यापालिका की देखरेख में हमारी संपत्ति बेचने का आदेश जारी करें ताकि मैं बैंक के क़रीब 13,900 करोड़ रुपये का कर्ज़ अदा कर सकूं। सीबीआई और ईडी जैसी आपराधिक एजेंसियां अगर संपत्ति बेचने में बाधा उतपन्न करती है तो मतलब साफ है कि वो मुझे बैंक डिफॉल्ट के 'पोस्टर बॉय' के तौर पर पेश करने के एजेंडे के तहत काम कर रही हैं।'
माल्या ने आगे कहा, 'मैं बैंक के भरोसा रखने के लिए आगे भी कोशिश करता रहूंगा लेकिन अगर राजनीतिक कारणों से अगर मुझे निशाना बनाया गया तो मैं कुछ नहीं कर सकता।'
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गौरतलब है कि विजय माल्या के तर्कों पर सरकार की तरफ से विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा कि अगर वह कर्ज की अदायगी करना चाहते थे तो कई साल पहले ही इसकी अदायगी कर सकते थे।
Source : News Nation Bureau